यूपी पुलिस ने शुरू की अनोखी मुहिम
- बुलंदशहर हिंसा को ध्यान में रखकर शुरू हुआ अभियान
- पुलिस गांव-गांव जाकर लोगों से करेगी बात
- वरिष्ठ अधिकारियों ने थाना प्रभारियों को दिया आदेश
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लखनऊ:
उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) एक अभियान के तहत अब गांव-गांव जाकर लोगों को गोकशी रोकने की शपथ दिलाएगी. पुलिस गांव वालों से वचन लेगी की वह न तो गोकशी (Cow slaughtering) में शामिल होंगे और अगर उनके गांव का कोई शख्स इसमें लिप्त पाया जाता है तो वह उसका बहिष्कार करेंगे. पुलिस ने यह अभियान राज्य में गोकशी (Cow slaughtering) के नाम पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए शुरू किया है. कुछ दिन पहले ही बुलंदशहर में हुई ऐसी ही हिंसा (Bulandshahr Violence) में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक आम नागरिक की हत्या कर दी गई थी. पुलिस के इस अभियान के तहत मेरठ जिले के किठौर थाने के प्रभारी (UP Police) का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह गांव के लोगों को गोकशी (Cow slaughtering) रोकने के लिए शपथ खिलाते दिख रहे हैं. वह इस वीडियो में कह रहे हैं कि आप यह शपथ लें कि हम 'गांव और गांव के आसपास गोकशी नहीं होने देंगे और जो गोकशी करेगा उसका सामाजिक बहिष्कार करेंगे और पुलिस के हवाले करेंगे'. '
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एनडीटीवी इंडिया ने मेरठ के किठौर थाने के थानेदार प्रेम चंद्र शर्मा से जब इस वीडियो को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने हमको ये ज़िम्मेदारी सौंपी है कि हम हर गांव में जाएं और लोगों को गोकशी के प्रति जागरूक करें. साथ ही लोगों को बताएं कि जो भी गोकशी जैसे काम में संलिप्त हो उनका ना सिर्फ सामाजिक बहिष्कार करें बल्कि उसकी जानकारी पुलिस को भी दें. बता दें कि पुलिस का यह अभियान 3 दिसंबर को गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बुलंदशहर ज़िले के स्याना तहसील के चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने हुई हिंसा और इसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है.
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इस घटना के बाद उपद्रवियों ने एक पुलिस चौकी फूंक दी और दर्जनों वाहन जला दिए. यह सब ऐसे वक्त हुआ जब शहर में एक धार्मिक आयोजन में करीब 10 लाख मुसलमान मौजूद थे. भीड़ से घिरे हुए इंस्पेक्टर के चारों तरफ गोलियों की आवाजें आती रहीं. गोकशी के आरोपों में एक घंटे तक चली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपना फ़र्ज़ निभाते हुए मारे गए थे. हिंसक भीड़ ने पुलिस चौकी जला दी और पुलिस पर पथराव किया. गोकशी के इल्ज़मों से वे भड़के हुए थे. पुलिस ने 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. हिंसा तब शुरू हुई थी जब गांव में 25 पशुओं के शव मिले. लोगों का आरोप है था कि ये गांव के ही दूसरे समुदाय के लोगों ने गोकशी की थी.
यह भी पढ़ें: 'पीएम मोदी से इस्तीफा मांगने के लिए भी होती है गौहत्या, बुलंदशहर में रहस्यमय जमावड़ा'
इसके बाद वहां तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. हालात तब बेकाबू हो गए जब भीड़ ने पुलिसवालों पर पथराव शुरू कर दिया और पुलिस चौकी को आग लगा दी थी. साथ ही गाड़ियों में आगजनी भी की गई. वहीं एक वीडियो फुटेज की भी बात सामने आई थी जिसकी वजह से हिंसा भड़की थी. इस वीडियो के बारे में भी पुलिस जांच कर रही है. एडीजी ने बताया कि घटना की जांच के लिए एसआईटी करेगी.
VIDEO: फौजी को भेजा गया न्यायिक हिरासत में.
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एनडीटीवी इंडिया ने मेरठ के किठौर थाने के थानेदार प्रेम चंद्र शर्मा से जब इस वीडियो को लेकर बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे वरिष्ठ अधिकारियों ने हमको ये ज़िम्मेदारी सौंपी है कि हम हर गांव में जाएं और लोगों को गोकशी के प्रति जागरूक करें. साथ ही लोगों को बताएं कि जो भी गोकशी जैसे काम में संलिप्त हो उनका ना सिर्फ सामाजिक बहिष्कार करें बल्कि उसकी जानकारी पुलिस को भी दें. बता दें कि पुलिस का यह अभियान 3 दिसंबर को गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बुलंदशहर ज़िले के स्याना तहसील के चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने हुई हिंसा और इसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है.
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इस घटना के बाद उपद्रवियों ने एक पुलिस चौकी फूंक दी और दर्जनों वाहन जला दिए. यह सब ऐसे वक्त हुआ जब शहर में एक धार्मिक आयोजन में करीब 10 लाख मुसलमान मौजूद थे. भीड़ से घिरे हुए इंस्पेक्टर के चारों तरफ गोलियों की आवाजें आती रहीं. गोकशी के आरोपों में एक घंटे तक चली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपना फ़र्ज़ निभाते हुए मारे गए थे. हिंसक भीड़ ने पुलिस चौकी जला दी और पुलिस पर पथराव किया. गोकशी के इल्ज़मों से वे भड़के हुए थे. पुलिस ने 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. हिंसा तब शुरू हुई थी जब गांव में 25 पशुओं के शव मिले. लोगों का आरोप है था कि ये गांव के ही दूसरे समुदाय के लोगों ने गोकशी की थी.
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इसके बाद वहां तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. हालात तब बेकाबू हो गए जब भीड़ ने पुलिसवालों पर पथराव शुरू कर दिया और पुलिस चौकी को आग लगा दी थी. साथ ही गाड़ियों में आगजनी भी की गई. वहीं एक वीडियो फुटेज की भी बात सामने आई थी जिसकी वजह से हिंसा भड़की थी. इस वीडियो के बारे में भी पुलिस जांच कर रही है. एडीजी ने बताया कि घटना की जांच के लिए एसआईटी करेगी.
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