उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना नाम के गांव में गोकशी की आशंका में हिंसा हुई थी, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत 2 लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. घटना के 16 दिन बाद गौकशी के आरोप में गिरफ्तार किए गए चार लोग (सर्फुद्दीन, आसिफ, साजिद और नन्हें खान) को कोर्ट ने रिहा कर दिया है. एनडीटीवी की टीम ने सर्फुद्दीन और आसिफ से इस पूरे मामले को लेकर बात की. जहां उन्होंने बताया कि कैसे गिरफ्तारी ने उनकी जिंदगी को बदलकर रख दिया.पुलिस के मुताबिक जो तीन लोग (नदीम,रईस और काला) मंगलवार को गिरफ्तार हुए हैं वह असली गुनहगार हैं.
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पुलिस की गिरफ्त से रिहा हुए सर्फुद्दीन ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त और उसके बाद हम पुलिस से गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हमारी एक भी नहीं सुनी गई. सर्फुद्दीन के मुताबिक जेल में बीते 15 दिन उनकी जिंदगी के सबसे खराब दिन रहे. अपने परिवार में मैं अकेला कमाने वाला हूं. जेल में बंद होने के बाद परिवार को भयंकर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा. सर्फुद्दीन ने बताया कि इस दौरान जो राशि हमारे पास थी, वह वकीलों के चक्कर में बर्बाद हो गई. मेरे बच्चे भूख से बिलखते रहे.
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वजेल से रिहा हुए अन्य शख्स आसिफ भी खासे डरे हुए नजर आए. आसिफ ने बताया कि बिना किसी पूछताछ के मुझे जेल में डाल दिया गया. इस गिरफ्तारी के बाद मेरा परिवार भी सड़क पर आ चुका है. आसिफ के मुताबिक उसका परिवार डरा हुआ है. बता दें कि इस मामले में 88 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसमें 27 लोग नामजद थे. कोर्ट के आदेश के बाद स्याना पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. बता दें कि गोकशी के शक में भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक आम नागरिक की मौत हो गई. इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने पुलिस चौकी फूंक दी और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया.
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