
- CM योगी आदित्यनाथ ने TET अनिवार्यता के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए
- शिक्षकों की योग्यता, अनुभव और सेवा वर्षों को ध्यान में रखकर रिवीजन पेटिशन तैयार करने के निर्देश
- मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय से सेवा दे रहे शिक्षकों की योग्यता को नजरअंदाज करना अनुचित
यूपी सरकार बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के हित में एक अहम कदम उठाने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें बेसिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को अनिवार्य किया गया है. मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे सेवारत शिक्षकों की योग्यता, अनुभव और सेवा वर्षों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन पेटिशन दाखिल करें.
सेवा और योग्यता को नजरअंदाज करना अनुचित
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक लंबे समय से शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं और सरकार समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षण देती रही है. ऐसे में उनकी योग्यता को नजरअंदाज करना उचित नहीं है. सीएम योगी ने यह भी कहा कि इस याचिका के माध्यम से सरकार शिक्षकों के हितों की रक्षा करना चाहती है और शिक्षा व्यवस्था में स्थायित्व बनाए रखना चाहती है. इस निर्णय को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी.
वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का निर्णय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है. एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है. एक बयान में उन्होंने कहा कि वर्तमान में वस्त्र एवं परिधान का वैश्विक बाजार वर्ष 2030 तक 2,300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है और भारत इसमें आठ प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ते देशों में है.
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