उत्तर प्रदेश विधानसभा ने करीब दो दशक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन विधायक सलिल विश्नोई द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन के नोटिस के मामले में शुक्रवार को छह पुलिसकर्मियों को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई.
राज्य विधानसभा ने तत्कालीन भाजपा विधायक सलिल विश्नोई द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन नोटिस पर छह पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को तलब किया था और सजा की घोषणा के समय वे सदन में मौजूद थे.
विशेषाधिकार हनन नोटिस 25 अक्टूबर, 2004 को दिया गया था. उत्तर प्रदेश विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने इन सदस्यों को दोषी पाया था .
पूर्व भाजपा विधायक सलिल विश्नोई के साथ वर्ष 2004 में अभद्रता करने के आरोप में कानपुर के तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी (अब सेवानिवृत्त) अब्दुल समद समेत छह पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार हनन का दोषी करार देते हुए शुक्रवार को एक दिन के कारावास की सजा सुनाई गई.
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन की कार्यवाही के दौरान इन सभी पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई . संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने दोषियों को एक दिन के कारावास (रात 12 बजे तक) के लिए प्रस्ताव पेश किया और महाना ने फैसले की घोषणा की.
अध्यक्ष ने कहा कि छह पुलिसकर्मियों को रात 12 बजे तिथि बदलने तक विधानसभा के ही एक कक्ष में कैद रखा जाएगा और उनके लिए भोजन तथा अन्य व्यवस्था की जाएगी.
इन सभी पुलिसकर्मियों को विधानसभा में ही बने विशेष प्रकोष्ठ में रखा गया है .
इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने 2004 में जनप्रतिनिधि विश्नोई की पिटाई करने के मामले में इन पुलिसकर्मियों को सजा देने की मांग की थी . सदन में जब इन पुलिसकर्मियों से अपना पक्ष रखने को कहा गया तो इन लोगों ने बिना शर्त माफी मांगी थी .
इन लोगों को सदन की विशेषाधिकार समिति की सिफारिश पर समन जारी किया गया था, जिसकी सोमवार को बैठक हुई थी. समिति ने इन पुलिसकर्मियों के लिए कारावास की सिफारिश की और सदन को शुक्रवार को कारावास की अवधि तय करनी थी.
सजा पाने वालों में तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी अब्दुल समद के अलावा किदवई नगर (कानपुर नगर) के तत्कालीन थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, तत्कालीन उप निरीक्षक (कोतवाली) त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे सिंह यादव (किदवई नगर) और काकादेव थाने में तैनात तत्कालीन सिपाही विनोद मिश्रा व मेहरबान सिंह शामिल हैं. पुलिस क्षेत्राधिकारी समद को छोड़कर सभी पुलिसकर्मी अभी सेवा में हैं.
15 सितंबर, 2004 को सलिल विश्नोई कानपुर में बिजली कटौती के खिलाफ जिलाधिकारी (कानपुर नगर) को एक ज्ञापन सौंपने के लिए जा रहे एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, जब पुलिसकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं