यूपी के एक पुलिस अधीक्षक ने सजगता अपनाते हुए अपने दो भ्रष्ट सिपाहियों को कड़ा सबक सिखाया है. एक दुर्घटना के बाद सिपाही एक ट्रक चालक से छोड़ने के बदले में भारी रिश्वत मांग रहे थे. ड्राइवर ने यह बात एसपी को फोन करके बता दी. इस पर एसपी ने सक्रियता बरती और खुद पुलिस थाने पहुंच गए. सिपाही उन्हें पहचान नहीं सके और उन्हीं के सामने रिश्वत मांग ली.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में पुलिस अधीक्षक (SP) ने दो सिपाहियों को सस्पेंड करके थाने में बंद करा दिया है. दोनों सिपाहियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकद्दमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि पिलखुवा थाने में तैनात दो सिपाही एक ट्रक चालक से एक्सीडेंट के बाद छोड़ने की एवज में एक लाख रुपये की मांग कर रहे थे. जिस पर ट्रक चालक ने इसकी जानकारी एसपी अभिषेक वर्मा को दी.
सिपाहियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकद्दमा दर्ज
सूचना मिलने पर एसपी खुद सादे कपड़ों में थाने पहुंच गए. वहां दोनों सिपाही एसपी को पहचान नहीं पाए. इसके बाद एसपी ने कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकद्दमा दर्ज करते हुए थाना पिलखुवा की हवालात में ही बंद करा दिया.
जानकारी के अनुसार हरियाणा के झज्जर जिले के बेरी थाना क्षेत्र के ट्रक चालक मनिंदर सिंह कर्नाटक के मुददुर से कच्चा नारियल मुरादाबाद के लिए ले जा रहे थे. रास्ते में हापुड़ के पिलखुवा में फ्लाईओवर के ऊपर उनके ट्रक की बस से टक्कर हो गई. टक्कर के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ट्रक को एचपीडीए चौकी पर ले आई.
ट्रक छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये मांगे
आरोप है कि चौकी पर दो पुलिसकर्मियों यशवीर और गौरव ने छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये मांगे. इसकी सूचना जब मनिंदर सिंह ने हापुड़ के एसपी अभिषेक वर्मा को दी तो एसपी सादे कपड़ों में चौकी पर पहुंच गए. वहां दोनों सिपाही एसपी को पहचान नहीं पाए और रिश्वत की मांग करते हुए पाए गए.
इस पर एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया और मनिंदर सिंह की शिकायत पर दोनों सिपाहियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अनिधियम के तहत मुकद्दमा दर्ज कर दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया.
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