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सपा राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के काफिले पर फेंके गये टायर, बाल-बाल बचे

टोल बूथ पार करने और बुलंदशहर जिले में प्रवेश करने के बाद पुलिस ने सुमन को आगे बढ़ने से रोक दिया. वह बुलंदशहर के सुनहेरा गांव जा रहे थे जहां 21 अप्रैल की रात दो पक्षों के बीच संघर्ष में एक दलित महिला की कथित तौर पर हत्या कर दी गयी थी. इस घटना में अन्य तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.

सपा राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के काफिले पर फेंके गये टायर, बाल-बाल बचे

राणा सांगा के खिलाफ टिप्पणी को लेकर निशाने पर आये समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन के काफिले पर रविवार को अलीगढ़ और दिल्ली के बीच गभाना टोल बूथ पर कथित रूप से करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने टायर फेंके.  पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसकी वजह से कई वाहन आपस में टकरा गये. इस घटना में सुमन बाल-बाल बच गये.

पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और संबंधित चौकी प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. अपर पुलिस अधीक्षक (नगर क्षेत्र) एम.एस. पाठक ने बताया, ‘‘सपा राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन को इलाके से सुरक्षित निकाल लिया गया. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.''

टोल बूथ पार करने और बुलंदशहर जिले में प्रवेश करने के बाद पुलिस ने सुमन को आगे बढ़ने से रोक दिया. वह बुलंदशहर के सुनहेरा गांव जा रहे थे जहां 21 अप्रैल की रात दो पक्षों के बीच संघर्ष में एक दलित महिला की कथित तौर पर हत्या कर दी गयी थी. इस घटना में अन्य तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.

इस बीच, अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजीव सुमन ने कहा, ‘‘किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन के काफिले पर हुए हमले के मद्देनजर आज शाम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में कृष्ण ठाकुर, सुमित ठाकुर, सुधीर ठाकुर, सचिन सिंह और भूपेंद्र शामिल हैं.''

उन्होंने बताया कि जिस इलाके में हमला हुआ, वहां के पुलिस चौकी प्रभारी समेत दो पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

पुलिस ने एक बयान में कहा कि किसी भी संभावित सुरक्षा चूक के लिए गभाना थानाध्यक्ष की भूमिका की भी जांच की जा रही है. पुलिस के मुताबिक, घटना के वक्त सपा नेता आगरा से बुलंदशहर जा रहे थे. टोल बूथ पार करके बुलंदशहर जिले में प्रवेश करने के बाद पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया. बाद में पुलिस ने सुमन को बुलंदशहर की सीमा से वापस भेज दिया.

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ. तेजवीर सिंह ने बताया कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन को जब वापस भेजने के लिए पुलिस उन्हें समझा बुझा रही थी, तभी सपा के कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओं और सुमन के साथ आए कुछ अन्य लोग की पुलिस से झड़प हो गई. उन्होंने बताया कि इस संबंध में 20 लोगों के खिलाफ पुलिस के साथ धक्का मुक्की करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में अरनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

सपा सांसद सुमन ने संवाददाताओं को बताया कि वह बुलंदशहर के सुनहेरा गांव जा रहे थे, जहां पिछले कुछ दिनों में दलितों के खिलाफ अत्याचार की खबरें सामने आई हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और यह तब तक जारी रहेगी जब तक सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला नहीं करती.''

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स' पर जारी एक पोस्ट में ‘‘जानलेवा हमले'' की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘‘सांसद माननीय रामजी लाल सुमन जी के काफिले पर टायर व पत्थर फेंककर, उनके ऊपर जो जानलेवा हमला हुआ है वो उस हादसे का कारण बना है, जो प्राणघातक दुर्घटना में भी बदल सकता था. ये एक आपराधिक कृत्य है. इतने टायर एक साथ इकट्ठा करना, एक गहरी साज़िश का सबूत ख़ुद है. ये एक बार फिर खुफिया तंत्र की गहरी चूक है या फिर जानबूझकर की गयी अनदेखी है.''

यादव ने इसी पोस्ट में आगे कहा, ‘‘अगर शासन-प्रशासन ये सब जानते हुए भी अंजान बनने की कोशिश कर रहा है तो वो ये जान ले कि अराजकता किसी को भी नहीं बख्शती है, एक दिन भाजपाई और उनके संगी-साथी भी ऐसे हिंसक तत्वों का शिकार होंगे. देश में एक सांसद के ऊपर हुए जानलेवा हमले का संज्ञान लेना वाला कोई है या फिर ‘पीडीए का सांसद' होने के कारण वर्चस्ववादियों की सरकार शर्मनाक चुप्पी साधकर भूमिगत हो जाएगी.''

उन्होंने राज्य सरकार पर तंज करते हुए कहा, ‘‘अब क्या बुलडोज़र का दम बेदम हो गया है या उत्तर प्रदेश की सरकार ने अराजकता के आगे समर्पण कर दिया है या फिर ये सब उत्तर प्रदेश सरकार की रजामंदी से हो रहा है? घोर,निंदनीय! पीडीए कहे आज, नहीं चाहिए भाजपा!''

इस बीच, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ स्थानीय नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन से मुलाकात की और रामजी लाल सुमन के काफिले पर हुए हमले के लिए करणी सेना के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी की मांग की.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी गई लिखित शिकायत में सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी सांसद पर किया गया हमला 'जानलेवा' था. बाद में सपा नेताओं ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा के ऐसे कृत्य तब तक जारी रहेंगे जब तक कि (करणी) सेना के शीर्ष नेताओं को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता.

इस बीच, देर शाम करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने सपा सांसद के साथ हुई घटना की जिम्मेदारी स्वीकार की. चौहान ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘आज जो कुछ भी हुआ, उसके लिए हम पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. हमने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक घोषणा की थी कि हम इस जिले में रामजीलाल सुमन को प्रवेश नहीं करने देंगे. हमने उनके काफिले पर टायर फेंके. कुछ ईंट-पत्थर भी फेंके गए.''

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. चौहान ने यह भी कहा, ‘‘कार पर टायर फेंकना हिंसा का काम नहीं है. हम चाहते थे कि सुमन अपनी कार से उतरें ताकि हम उनसे बात कर सकें.''

सपा के राज्यसभा सदस्य रामजीलाल सुमन ने हाल ही में मेवाड़ के शासक राणा सांगा के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. करणी सेना ने सपा सांसद के बयान को राणा सांगा का ‘अपमान' करार देते हुए इसका बदला लेने की घोषणा की थी. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सपा सांसद सुमन के आगरा स्थित आवास पर तोड़फोड़ भी की थी.

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