प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं. इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुरक्षा और प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए व्यापक इंतजाम किए है.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यातायात प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता दी है. प्रमुख मार्गों से आने वाले यात्रियों की संख्या का अनुमान लगाते हुए सात प्रमुख रास्तों को चिन्हित किया गया है. आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक श्रद्धालु जौनपुर और रीवा-बांदा मार्ग से पहुंचने की उम्मीद है.इसके बाद वाराणसी, कानपुर, मिर्जापुर, लखनऊ और प्रतापगढ़ से भी बड़ी संख्या में लोग आएंगे.
पूरी बात जानें
सुरक्षा को लेकर कुंभ नगर, मंदिरों और गंगा घाटों पर व्यापक इंतजाम किए गए हैं. हर प्रवेश बिंदु पर चेकपोस्ट लगाए गए हैं, जहां वाहनों और श्रद्धालुओं की गहन जांच की जा रही है. इन सबके बीच प्रशासन ने आसपास के जिलों—कौशांबी, फतेहपुर, मिर्जापुर—में सुरक्षा बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं.
इन जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया है. यहां की सीमाओं पर बैरिकेडिंग की गई है और हर एक वाहन और व्यक्ति की सघन जांच की जा रही है. अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है, और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है. इन जिलों में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से लगातार निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी अवांछनीय व्यक्ति या वस्तु को कुंभ क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले ही रोका जा सके.
यातायात की दिशा को व्यवस्थित करने के लिए खासतौर पर हर जिले में रीयल-टाइम डायवर्जन और एकतरफा मार्ग व्यवस्था लागू की गई है. महाकुंभ 2025 में सुरक्षा को लेकर किए गए इन व्यापक इंतजामों से यह सुनिश्चित किया गया है कि आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक अनुभव हो, बल्कि यह पूरी तरह से सुरक्षित और सुव्यवस्थित भी हो.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं