
सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)
खास बातें
- यूपी में प्रवासी मजदूरों को लेकर चल रही है सियासत
- कांग्रेस और योगी आदित्यनाथ सरकार में चल रही है भिड़ंत
- मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम करने के लेकर छिड़ी है बहस
उत्तर प्रदेश में अब प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत जोर पकड़ती दिखाई दे रही है. कांग्रेस और राज्य की योगी सरकार मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए बस के इंतजाम को लेकर पिछले दो दिनों से भिड़े हुए हैं, अब समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. अखिलेश ने बुधवार को बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी कोरोना संकट में फंसे मजदूरों की बेचैनी को भी अपने राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए इस्तेमाल कर रही है.
अखिलेश ने एक ट्वीट में कहा कि ‘अव्यवस्था के इस दौर में भी बीजेपी कमज़ोर लोगों पर अत्याचार करने से नहीं चूक रही है. ग़रीबों-मज़दूरों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है और उन्हें घर तक न पहुंचाने के लिए तरह-तरह के बहाने ढूंढ रही है. अति निंदनीय. ये भाजपाई राजनीति नहीं षड्यंत्रकारी बाज़नीति है.'
अव्यवस्था के इस दौर में भी भाजपा कमज़ोर लोगों पर अत्याचार करने से नहीं चूक रही है. ग़रीबों-मज़दूरों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है और उन्हें घर तक न पहुँचाने के लिए तरह-तरह के बहाने ढूंढ रही है. अति निंदनीय.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 20, 2020
ये भाजपाई राजनीति नहीं षड्यंत्रकारी बाज़नीति है #IndiaStandsWithMigrantspic.twitter.com/ZhyTNwwfH3
अखिलेश ने एक बयान में कहा, 'प्रदेश में दिन-रात मजदूरों की दुर्दशा की दर्दनाक कहानी सुनकर दिल दहल जाता है. रोज ही वे दुर्घटनाओं के शिकार होकर जानें गंवा रहे हैं. इस सबसे उदासीन भाजपा सरकार ने सभी मानवीय मूल्यों को रौंद दिया है.
उन्होंने कहा, 'समझ में नहीं आता कि जब सरकारी, निजी और स्कूलों की पचासों हजार बसें खड़े-खड़े धूल खा रही हैं तो प्रदेश की सरकार मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए इन बसों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है? सरकार की हठधर्मिता बहुत भारी पड़ रही है.'
अखिलेश ने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, 'जो मदद को हाथ बढ़ते हैं, उनको झटक देने का अमानवीय बर्ताव बीजेपी का आचरण बन गया है.'
उन्होंने कहा कि यह बीजेपी सरकार की नौटंकी नहीं तो क्या है कि वह बहाने बनाकर श्रमिकों के घर पहुंचने में बाधा बन रही है. भूखे-प्यासे मजदूर, महिलाएं, बच्चे भयंकर गर्मी में नारकीय यातना भोग रहे हैं. अखिलेश ने कहा कि ‘बीजेपी सरकार को असल में खुद इस बात का फिटनेस सर्टिफिकेट देना चाहिए कि क्या वो इस बदहाली में देश-प्रदेश का शासन-प्रशासन चलाने लायक हैं? देश-विदेश में भारत की छवि का ढिंढोरा पीटने वाले कहां हैं?'
एसपी के मुखिया ने कहा कि बीजेपी सरकार की गरीब और मजदूर विरोधी नीतियों का ही फल है कि रोज ही सड़क हादसों में मजदूरों की जानें जा रही हैं. औरैया में मृतकों के साथ बीजेपी सरकार के अंसेवदनशील बर्ताव को दुनिया जान चुकी है.
उन्होंने कहा कि ‘इटावा में ट्रक की चपेट में आकर छह किसानों की मौत हो गई. कानपुर में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुई दुर्घटना में मजदूर के बच्चे की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए. आजमगढ़ के अतरौलिया क्षेत्र में हाईवे पर मऊ निवासी दो छात्रों सहित तीन लोगों की मृत्यु हो गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस कहां गश्त लगा रही है और आला अफसर कहां चौकसी बरत रहे हैं? जब अधिकारी मुख्यमंत्री की बात ही नहीं सुनते हैं तो इस राज्य का क्या होगा?'
अखिलेश ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को फिर से निर्देश दिया है कि ‘वे बीजेपी के लोगों की बदजुबानी पर ध्यान न देकर श्रमिकों, बेहाल गरीबों की आवाज को आवाज देने से न डिगें, न भटकें. सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और जनता को बीजेपी के कारनामों से परिचित भी कराते रहें.'