
- उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अवैध तरीके से तालाब के ऊपर बनी मस्जिद को गुरुवार को गिराया जा रहा है
- मस्जिद गिराने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और पैरामिलिट्री बल मौके पर तैनात किए गए हैं
- मस्जिद का निर्माण लगभग 10 साल पहले राय बुजुर्ग गांव में किया गया था और राजस्व विभाग ने जांच की थी
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अवैध तरीके से बनाई गई एक मस्जिद और मैरिज हॉल को गिराने के लिए गुरुवार को बुलडोजर पहुंचे थे. कई थानों की पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की सुरक्षा के बीच मैरिज हॉरल को ध्वस्त किया गया, वहीं मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों के अनुरोध के बाद उन्हें 4 दिन की मोहलत दी गई. मस्जिद के मालिक ने चार दिन के भीतर अवैध ढांचे को खुद गिराने का वादा किया है.
आरोप है कि मस्जिद अवैध तरीके से तालाब के ऊपर बनाई गई है. 10 साल पहले मस्जिद का निर्माण किया गया था. संभल के राय बुजुर्ग गांव में इस मस्जिद का निर्माण किया गया है. राजस्व विभाग की टीम ने एक महीने पहले मस्जिद का दौरा किया था. इसके बाद प्रशासन ने मस्जिद गिराने को लेकर नोटिस दिया था. पुलिस प्रशासन ने भारी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ वहां पहुंचा भी था.
देखिए मस्जिद के अवैध कब्जे को हटाने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है... लेटेस्ट अपडेट्स
मस्जिद गिराने की कार्रवाई से पहले बड़ी संख्या में फोर्स की तैनाती की गई थी. जनपद के कई थानों की फोर्स और पैरामिलिट्री के जवान मौके पर तैनात थी. गांव में शांति व्यवस्था भंग न हो, इसको लेकर ने पुलिस फ्लैग मार्च भी किया था. फिलहाल एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट सहित कई पुलिस के कई आला अधिकारी मौके पर मौजूद थे. पुलिस लगातार अनाउंस कर रही थी कि लोग अपने घरों में रहे और बाहर न निकले.

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संभल के राय बुजुर्ग गांव में मस्जिद के साथ मैरिज हॉल को भी गिराने की तैयारी थी. एनडीटीवी से बात करते हुए संभल के जिलाधिकारी डॉ राजेंदर पेंसिया ने कहा था कि कार्रवाई शुरू होने से पहले जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने गांव में फ्लैग मार्च किया.

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संभल में एक्शन के लिए बुलडोजर मौके पर पहुंचे थे, लेकिन फिर बाद में मस्जिद समिति के प्रबंधकों को मोहलत मिली.

Sambhal mosque
संभल में तीन महीने पहले रजा-ए-मुस्तफा मस्जिद को गिराया गया था. मस्जिद के ऊपर 40 फीट ऊंची मीनार बनी थी. मस्जिद कमेटी को प्रशासन ने 19 जून तक अवैध निर्माण तोड़ने की मोहलत दी थी, लेकिन कमेटी वक्त रहते निर्माण नहीं हटा पाई. इसके बाद मस्जिद कमेटी ने खुद से तोड़फोड़ का काम शुरू किया.
इससे पहले बाराबंकी ज़िले में 'तहसील वाली मस्जिद' के नाम से मशहूर मस्जिद को 2021 में प्रशासन ने गिरा दिया था. उस समय ज़िला प्रशासन ने मस्जिद के निर्माण को अवैध बताया था.
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