सीबीआई की विशेष अदालत में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता और विधायक राजू पाल की हत्या के करीब 17 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए. अदालत ने इस मामले में अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज करने के लिए 3 नवंबर की तिथि तय की है.
पूर्व सांसद अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात की साबरमती जेल से लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायाधीश कविता मिश्रा के समक्ष पेश किया गया.
वहीं, मामले के दो अन्य अभियुक्तों अशरफ और फरहान को लखनऊ जिला जेल से लाया गया. जमानत पर छूटे अभियुक्त रंजीत पाल, आबिद, इसरार अहमद और जुनैद भी अदालत में मौजूद थे.
इन सभी अभियुक्तों पर हत्या करने, साजिश रचने और कत्ल की कोशिश करने के आरोप तय किए गए. सभी अभियुक्तों ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया.
गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी सीट से तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात में देवी पाल तथा संदीप यादव नामक दो अन्य लोग भी मारे गए थे, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पाल की पत्नी पूजा ने प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
शुरुआत में इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा, अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) ने की थी. बाद में 22 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच के बाद 20 अगस्त, 2019 को अतीक और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
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