उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित विवादित ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजू खाने का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को बहस नहीं हो सकी. सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के चलते बहस नहीं हो सकी.देश की सुप्रीम अदालत ने इस मामले में अंतिम आदेश आने से अदालतों के सर्वेक्षण आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा रखी है.
याचिकाकर्ता ने क्या मांग की है
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की है रिवीजन की याचिका.उनकी याचिका पर अदालत में सोमवार को सुनवाई होनी थी.लेकिन सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश के चलते याचिका पर बहस नहीं हो सकी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम आदेश से पहले अदालतों के सर्वेक्षण आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा रखी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई आठ दिसंबर को होगी.
याचिकाकर्ता राखी सिंह ने 21 अक्टूबर 2023 के वाराणसी सिविल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.उनकी मांग है कि ज्ञानवापी परिसर के बाकी हिस्से की तरह वजूखाने का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराया जाए. उन्होंने यह सर्वेक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) से कराने की मांग की है.
वाराणसी की अदालत खारिज कर चुकी है याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस केस के साथ ही स्वयंभू लार्ड आदि विशेश्वर से जुड़ी याचिका को भी जोड़ दिया है. अदालत दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच कर रही है.
इससे पहले वाराणसी जिला अदालत के सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक ने पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से सर्वे कराने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था.
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