आईबीए द्वारा प्रस्तावित 6 फीसदी वेतन वृद्धि स्वीकार नहीं, बैंक के इरादतन भगोड़ों के नाम सरकार द्वारा प्रकाशित किया जाए, उचित वेतन वृद्धि एवं सेवा शर्तों में सुधार, सभी स्केल में वेतन समझौता लागू हो, इन मांगों के साथ UFBU के बैनर तले बैंक कर्मियों ने एक दिवसीय हड़ताल की. इस हड़ताल में बैंक की सारी शाखाएं, ऑफीस, क्लीयरिंग सेंटर, एटीएम आदि पूर्ण रूप से बंद रहे. हड़ताल के दिन वाराणसी ईकाई द्वारा सुबह 10 बजे बैंक ऑफ़ इंडिया के आंचलिक कार्यालय परिसर के सामने जबरदस्त धरना व प्रदर्शन किया. इसमें जनपद के समस्त बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगा कर अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए बैंक विरोधी नीतियों का विरोध किया.
प्रमुख मांगों में आईबीए द्वारा 01.11.2017 से लंबित वेतनवृद्धि को लागू किया जाना, 5 बड़े बैंकों द्वारा तत्काल मैंडेट दिलाया जाना, पुरानी पेंशन को बहाल किया जाना, मजबूत रिकवरी नियम कानून बनाना, बैंको का विलय बंद किया जाना, बैंक निजीकरण पर रोक तथा फ्रैक्चर मैंडेट के विरोध के लिए किया गया.
UFBU के संगठन मंत्री रमेश चंद्र मौर्या ने कहा कि अगर सरकार समय रहते सही कदम नहीं उठती है और बैंक विरोधी नीतियों को बंद नहीं करती है तो हम अनिश्चित कालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि आज भी बैंको का परिचालन लाभ बढ़ रहा है किन्तु बड़े कारपोरेट के एनपीए की वजह से पूरा लाभ प्रोविजनिंग के कारण चला जाता है, नतीजा बैंको को हानि दिखानी पड़ रही है.
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