महिला ने पति द्वारा यौन उत्पीड़न करने की बात भी कही है
मुजफ्फरनगर:
तीन तलाक पर तमाम हो हल्ले के बावजूद ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध करार दिया है और केंद्र सरकार भी इसको लेकर अध्यादेश ला चुकी है. लेकिन फिर भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का है जहां एक महिला को उसके पति ने वीडियो कॉल पर उसे तलाक दे दिया. तीन तलाक पीड़िता नुसरत जहां ने कहा, 'मेरे पति ने मुझे वीडियो कॉल पर तलाक दे दिया. नुसरत ने बताया कि वापस लौटने पर उसके पति ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे अपने देवर के साथ हलाला करने को कहा जिससे उसने इनकार कर दिया. नुसरत का कहना है कि वो पुलिस के पास भी गई लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. अब वह इंसाफ मांग रही है.
उधर पुलिस का कहना है कि उसे मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है. मुजफ्फरनगर के एसएसपी सुधीर कुमार ने बताया, 'हमें इस मामले में कोई भी शिकायत अब तक नहीं मिली है, अगर शिकायत दर्ज होती है तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे.'
कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र से एक मामला सामने आया था जिसमें औरंगाबाद जिले में एक मुस्लिम व्यक्ति ने मामूली कहासुनी के बाद Whatsapp के जरिये अपनी पत्नी को कथित रूप से 'तीन तलाक' (Triple Talaq) दे दिया था. पुलिस ने बताया था कि पत्नी की शिकायत पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
VIDEO: मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक पर अध्यादेश को दी मंज़ूरी
गौरतलब है कि 19 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने तीन तलाक (इंस्टैंट ट्रिपल तलाक) पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था. मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें ज़मानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधन भी होगा. अब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं.
Muzaffarnagar: Triple Talaq victim Nusrat Jahan says, "My husband gave me triple talaq on video call. On returning, my husband sexually assaulted me & asked me to perform Halala with my brother-in law, which I refused. Police did not register my complaint. I demand justice. " pic.twitter.com/2UMSGJDtD5
— ANI UP (@ANINewsUP) October 22, 2018
उधर पुलिस का कहना है कि उसे मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है. मुजफ्फरनगर के एसएसपी सुधीर कुमार ने बताया, 'हमें इस मामले में कोई भी शिकायत अब तक नहीं मिली है, अगर शिकायत दर्ज होती है तो हम निश्चित रूप से कार्रवाई करेंगे.'
#Muzaffarnagar: Sudhir Kumar, SSP Muzaffarnagar says, "We have not received any complaint in this regard, If a complaint is registered, we will certainly take action," pic.twitter.com/DVbnV7a7vd
— ANI UP (@ANINewsUP) October 22, 2018
कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र से एक मामला सामने आया था जिसमें औरंगाबाद जिले में एक मुस्लिम व्यक्ति ने मामूली कहासुनी के बाद Whatsapp के जरिये अपनी पत्नी को कथित रूप से 'तीन तलाक' (Triple Talaq) दे दिया था. पुलिस ने बताया था कि पत्नी की शिकायत पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
VIDEO: मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक पर अध्यादेश को दी मंज़ूरी
गौरतलब है कि 19 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने तीन तलाक (इंस्टैंट ट्रिपल तलाक) पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था. मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें ज़मानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधन भी होगा. अब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं.
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