सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस करने का काम रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला पश्चिम उत्तर प्रदेश के बदायूं में सामने आया है. वहां तो वह अधिकारी ही प्राइवेट प्रैक्टिस करता हुआ पकड़ा गया, जिस पर उसे रोकने की जिम्मेदारी है. दरअसल मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए पकड़े गए हैं. उन्हें कथित तौर पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए पकड़ा राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन ने. हालांकि सीएमओ की पत्नी ने कहा कि वो वहां प्रैक्टिस करती हैं.
महिला आयोग की सदस्य ने किया दावा
दरअसल मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील तेवतिया बदायूं के नव जीवन नर्सिंग होम पर प्रैक्टिस करते हुए पाए गए.उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता जैन अग्रवाल ने उनके नर्सिंग होम का दौरा किया. उन्हें देखते ही वो बाथरूम में छिप गए. इसके बाद पुलिस बुलाई गई. पुलिस ने आकर उन्हें बाहर निकलने के लिए मनाया.जैन ने दो महीने पहले भी सीएमओ को वार्निंग दी थी. लेकिन रविवार को जब वो अचानक वह नर्सिंग होम पर पहुंची तो सीएमओ साहब प्रैक्टिस करते हुए मिले.
हालांकि डॉक्टर तेवतिया का कहना था कि वो जो भी प्रैक्टिस करते हैं, वह जनसेवा है. इस पर जैन ने कहा कि अगर डॉक्टर साहब को जनसेवा ही करनी हैं तो मरीजों से तीन-तीन सौ रुपये की फीस क्यों ली जा रही है. उनका कहना था कि डॉक्टर को जनसेवा के लिए फीस नहीं लेनी चाहिए और मरीजों को मुफ्त में दवाएं भी देनी चाहिए.
संगीता जैन अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने सीएमओ मुजफ्फरनगर सुनील तेवतिया को पहले भी वार्निंग दी थी कि यदि वह लोगों की सेवा करना चाहते हैं तो निशुल्क सेवा करें, वह हर संडे करीब 200 मरीज देखते हैं और हर मरीज से 300 रुपए की फीस लेते हैं जो कि बिल्कुल गैर कानूनी है.उन्होंने कहा कि मैं उनके क्लीनिक पर पहुंची तो वह मुझे देखकर भाग गए और उनकी पत्नी ने भी गलत व्यवहार किया.उन्होंने बताया कि डॉक्टर तेवतिया पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
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