उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक लाख रुपये के इनामी खनन माफिया जफर को पकवाड़ा क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया. जफर वही अपराधी है जिसे गिरफ्तार करने के लिए मुरादाबाद पुलिस गत 12 अक्टूबर को उत्तराखंड के उधम सिंह नगर गई थी और जहां स्थानीय ग्रामीणों तथा पुलिस के बीच हुई झड़प के दौरान गोली लगने से एक बीजेपी नेता की पत्नी की मृत्यु हो गई थी.
मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने रविवार को बताया कि शनिवार को मोटरसाइकिल से जा रहे जफर को पकवाड़ा क्षेत्र में पुलिस ने रोका था लेकिन उसने पुलिस पर गोलियां चला दीं और जवाबी गोलीबारी में जफर के पैर में गोली लगी. उन्होंने कहा कि इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ठाकुरद्वारा की पुलिस क्षेत्राधिकारी अपेक्षा निम्बाडिया ने बताया कि गत 13 सितंबर को ठाकुरद्वारा तहसील के उपजिलाधिकारी परमानंद उत्तराखंड की सीमा पर गुजर रहे डंपरों का निरीक्षण कर रहे थे कि इसी दौरान बालू से लदे डंपर के कागजात मांगे जाने पर जफर ने हंगामा किया था और उनकी टीम पर हमला करके मौके से भाग गया था.
उन्होंने बताया कि इस मामले में जफर के खिलाफ ठाकुरद्वारा थाने में पहले से ही मुकदमा दर्ज है और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि गत 12 अक्टूबर को उत्तराखंड के उधम सिंह नगर स्थित भरतपुर गांव में जफर को गिरफ्तार करने गई मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद जफर पर घोषित इनाम को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया था. इस प्रकरण में मुरादाबाद पुलिस ने जफर तथा 30 ग्रामीणों के खिलाफ ठाकुरद्वारा थाने में मामला दर्ज किया था.
उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ के मुताबिक, गत 12 अक्टूबर को जफर को गिरफ्तार करने के लिए सादा कपड़ों में पहुंची मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई थी और इस दौरान पुलिस की गोली से भाजपा नेता गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर की मौत हो गई थी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने यह भी दावा किया कि मुरादाबाद पुलिस ने इस कार्रवाई के लिए उधम सिंह नगर पहुंचने के बारे में स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी थी.
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