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लापरवाही का चरम: ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में छोड़ दिया आधा मीटर कपड़ा, कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज

ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में कपड़ा छोड़ देने के मामले में ग्रेटर नोएडा में डॉक्टरों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर अदालत के आदेश पर दर्ज कराई गई है. इसमें गौतम बुद्ध नगर के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी आरोपी बनाया गया है.

लापरवाही का चरम: ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में छोड़ दिया आधा मीटर कपड़ा, कोर्ट के आदेश पर FIR दर्ज
ग्रेटर नोएडा:

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में डॉक्टरों ने लापरवाही दिखाते हुए ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में ही आधा मीटर कपड़ा छोड़ दिया. पीड़ित ने एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. पीड़ित ने सीएमओ की टीम पर मामले की जांच ठीक से न करने का आरोप लगाया है. इस मामले में अदालत के निर्देश पर गौतमबुद्धनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) समेत छह लोगों के खिलाफ नॉलेज पार्क पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

यह पूरा मामला ग्रेटर नोएडा स्थित बैक्सन अस्पताल से जुड़ा है.इस अस्पताल में 14 नवंबर 2023 को पीड़िता अंशुल वर्मा की डिलीवरी ऑपरेशन के जरिए की गई थी. आरोप है कि ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर अंजना अग्रवाल ने लापरवाही करते हुए महिला के पेट में करीब आधा मीटर कपड़ा छोड़ दिया था. इसके बाद 16 नवंबर 2023 को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पीड़िता की तबीयत लगातार खराब रहने लगी. उसके पेट में असहनीय दर्द बना रहा. दर्द से राहत पाने के लिए पीड़िता ने मुजफ्फरनगर और ग्रेटर नोएडा के कई अस्पतालों में इलाज कराया. अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और अन्य जांचें भी हुईं. लेकिन किसी डॉक्टर को असली कारण का पता नहीं चल सका.

क्या है पूरा मामला

लगातार बिगड़ती हालत के बाद 22 अप्रैल 2025 को पीड़िता का कैलाश अस्पताल में दोबारा ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को पेट के अंदर से लगभग आधा मीटर कपड़ा मिला. ऑपरेशन टीम भी यह देखकर स्तब्ध रह गई. इस दौरान पीड़िता को आठ यूनिट रक्त भी चढ़ाना पड़ा. पीड़िता का आरोप है कि यह कपड़ा पहली डिलीवरी सर्जरी के दौरान ही बैक्सन अस्पताल में छोड़ा गया था. पीड़िता का कहना है ऑपरेशन के फोटो और वीडियो पीड़िता के पास साक्ष्य के रूप में मौजूद हैं.

वही दूसरे ऑपरेशन में कपड़ा निकलने के बाद पीड़िता के पति ने मामले की शिकायत जिले के सीएमओ नरेंद्र कुमार से की.उन्होंने जांच के लिए डॉक्टर चंदन सोनी और डॉक्टर आशा किरण चौधरी को जांच अधिकारी नियुक्त किया. आरोप है कि दोनों डॉक्टरों ने जानबूझकर करीब दो महीने तक जांच को लटकाए रखा. उन्होंने कपड़े की फॉरेंसिक जांच तक नहीं कराई. 

पेट में असहनीय दर्द के बाद कैलाश अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला.

पेट में असहनीय दर्द के बाद कैलाश अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला.

आरोपी डॉक्टरों ने पीड़ित को दी धमकी

अपनी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर अंजना अग्रवाल और उनके पति डॉक्टर मनीष गोयल ने मामले को दबाने की कोशिश की और चुप रहने के लिए धमकियां भी दीं. यहां तक कहा गया कि उनके राजनीतिक संपर्क हैं और कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. पीड़िता का कहना है कि दो बड़ी सर्जरी के चलते अब तीसरा ऑपरेशन संभव नहीं है. इससे वह भविष्य में दूसरा बच्चा पैदा नहीं हो पाएगा. वही डेढ़ साल तक असहनीय दर्द की वजह से वह घरेलू काम भी नहीं कर पा रही थी. 

अपने मामले में कार्रवाई न होने के बाद पीड़िता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्ध नगर की अदालत का दरवाजा खटखटाया. अब कोर्ट के आदेश पर थाना नॉलेज पार्क में बैक्सन अस्पताल, डॉक्टर अंजना अग्रवाल, डॉक्टर मनीष गोयल, सीएमओ नरेंद्र कुमार, जांच अधिकारी डॉक्टर चंदन सोनी और डॉक्टर आशा किरण चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

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