
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के एक साल में ही रोजगारपरक शिक्षा के पाठ्यक्रमों को शुरू करके अपनी अलग पहचान कायम की है. इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन व उनके मार्गदर्शन में बीएएमएस समेत दर्जनभर से अधिक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत हुई है. शोध-अनुसंधान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ हुए एमओयू ने गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने के लिए इस संस्थान की प्रतिबद्धता दर्शाई है.
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोकार्पित किया था. यहां भारतीय ज्ञान मूल्यों का संरक्षण व संवर्धन, वर्तमान और भावी समय को ध्यान में रखकर अनुसंधानिक तरीके से किया जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को 'नॉलेज सिटी' के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है. उल्लेखनीय है कि 10 दिसम्बर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था.
विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बीएएमएस की 100 सीटों पर प्रथम सत्र का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है. अगले सत्र से एमबीबीएस की कक्षाएं भी प्रारंभ करने की पूरी तैयारी है. गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग में अनेक रोजगारदायी पाठ्यक्रम संचालित हैं.
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