चिंता इस बात की है कि बीएसपी की प्रमुख मायावती एक महिला हैं, फिर उनकी पार्टी ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है.
लखनऊ:
आज गजब का संयोग है, पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International women's day 2017) मनाया जा रहा है और भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में वोटिंग हो रही है. अगर इन दोनों घटनाओं को जोड़कर देखें तो उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके की महिलाएं वोट देकर उस नेता को चुनेंगी जो उन्हें सुरक्षा और विकास दे पाए. पूरे चुनाव प्रचार में सपा, कांग्रेस, बसपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने महिला सुरक्षा और शिक्षा का वादा किया. बीएसपी प्रमुख मायवती मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर रही हैं. इन बातों के बीच चिंता की बात यह है कि उत्तर प्रदेश के पूरे चुनाव में उतरे प्रत्याशियों में महिलाएं केवल नौ फीसदी हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 403 सीटों पर 4853 प्रत्याशी मैदान में हैं. यानी केवल 437 महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. चिंता इस बात की है कि बीएसपी की प्रमुख मायावती एक महिला हैं, फिर उनकी पार्टी ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2012 के विधानसभा चुनाव से भी कम महिलाओं को टिकट दिया गया है. भारतीय निर्वाचन आयोग की 2012 के उत्तर प्रदेश चुनाव रिपोर्ट के अनुसार पिछले विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मैदान में उतरे कुल 6835 उम्मीदवारों में से 6252 पुरुष और 583 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 403 सीटों पर 4853 प्रत्याशी मैदान में हैं. यानी केवल 437 महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. चिंता इस बात की है कि बीएसपी की प्रमुख मायावती एक महिला हैं, फिर उनकी पार्टी ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2012 के विधानसभा चुनाव से भी कम महिलाओं को टिकट दिया गया है. भारतीय निर्वाचन आयोग की 2012 के उत्तर प्रदेश चुनाव रिपोर्ट के अनुसार पिछले विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मैदान में उतरे कुल 6835 उम्मीदवारों में से 6252 पुरुष और 583 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं.
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