आयकर विभाग ने तीन दिन तक समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद 800 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का संदेह जताया है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. आयकर अधिकारी, सुरक्षा बलों के साथ बुधवार सुबह सात बजे आजम खान के जेल रोड स्थित आवास में दाखिल हुए और शुक्रवार शाम सात बजे तक छापेमारी की कार्रवाई जारी रही.
शुक्रवार शाम करीब सात बजे आयकर अधिकारियों के उनके आवास से जाने के बाद आजम खान ने कहा कि यह आयकर विभाग की छापेमारी थी और वे लोग यहां तीन दिन तक रहे, उन्होंने तलाशी ली और सवाल पूछे. आजम खान ने इससे आगे सवालों का पत्रकारों को जवाब देने से इनकार कर दिया.
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आजम के ठिकानों पर IT ने मारी रेड
आयकर विभाग ने खान और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कर चोरी की जांच के तहत बुधवार (13 सितंबर) को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग ने पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के कुछ परिसरों के अलावा उत्तर प्रदेश के रामपुर, सहारनपुर, लखनऊ, गाजियाबाद और मेरठ में छापेमारी की है. यह कार्रवाई खान और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित कुछ ट्रस्ट संगठनों से संबंधित है.
गाजियाबाद में आयकर विभाग ने बुधवार को राजनगर कॉलोनी स्थित एक आवास पर छापा मारा. यह घर एकता कौशिक का है, जो खान परिवार की करीबी मानी जाती हैं. सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग की यह जांच खान और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित कुछ न्यासों से संबंधित है. अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए खान की अध्यक्षता वाले मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के अलावा लोक निर्माण विभाग और जिला पंचायत कार्यालय में भी जांच की. सरकारी खर्चे की फाइलों की जांच की जा रही है क्योंकि खान द्वारा 800 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी करने का संदेह है.
'भारत को भ्रष्टाचार मुक्त'बनाने का कदम'
छापों पर समाजवादी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और खान को समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर ‘तानाशाह' रवैया अपनाने और ‘केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग' करने का आरोप लगाया. केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां अपने अधिकार में रहकर ‘भारत को भ्रष्टाचार मुक्त' बनाने के लिए कदम उठा रही हैं.
रामपुर की एक सांसद-विधायक अदालत ने पिछले साल खान को नफरत फैलाने वाले भाषण मामले में दोषी ठहराया था और तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. सजा सुनाये जाने के बाद पूर्व मंत्री को विधानसभा सदस्य से अयोग्य घोषित कर दिया गया. बाद में उन्हें एक ऊपरी अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन एक अलग मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण उनकी अयोग्यता रद्द नहीं की गई थी.
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