
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रहीं स्मृति ईरानी काफी वक्त बाद सोमवार को अमेठी पहुंचीं. विपक्ष के अमेठी छोड़कर चले जाने के आरोप पर उन्होंने कहा कि पक्ष और विपक्ष दोनों का ये अधिकार है कि वो किसी भी तरह की बात करें, लेकिन उनसे जनता का कितना फायदा होगा, ये भी सोचना चाहिए.
स्मृति ईरानी ने कहा, मैं अमेठी आज से 11 साल पहले आई थी पार्टी की एक प्रतिनिधि बनकर और तब 22 दिन ही मिले थे चुनाव लड़ने के लिए, लेकिन 2014 में जब मैं हारी थी तो न प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और न अमेठी में हमारा कोई जिला कार्यालय था, न जिला पंचायत का कोई अध्यक्ष था, न कोई मंत्री था. आज भगवान की कृपा से इतना कुछ है. जनता के सभी समस्याओं के लिए खड़े रहेंगे. सीएम योगी के नेतृत्व में अमेठी का विकास का काम तेज़ी से चल रहा है."
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पीएम मोदी ने प्रेरित किया कि विभाग तक सीमित रहने की जगह अलग-अलग विषयों की जानकारी रखी जाए. मेरा ये सौभाग्य रहा कि मैंने बर्कली से फिनटेक कोर्स किया. कैंब्रिज में जॉर्ज बिज़नेस स्कूल से बिज़नेस एथिक्स में एक्जीक्यूटिव कोर्स किया. बर्कली से मुझे गेस्ट लेक्चरर का ऑफर मिला. आईआईएम बोधगया और उदयपुर में दो वर्षों तक गेस्ट लेक्चरर रह चुकी हूं. हालांकि, मेरा राजनैतिक करियर और अध्ययन का क्षेत्र अलग है.
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