
- यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा और सुविधा प्रबंध किए हैं, जिसमें पुलिस बल और टेक्निकल निगरानी भी शामिल है.
- यात्रा मार्गों पर CCTV कैमरे, ड्रोन, जल सेवा केंद्र, मेडिकल कैंप, पुलिस सहायता केंद्र और कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं.
- सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए आठ सदस्यीय टीम बनाई गई है जो 24 घंटे मॉनिटरिंग करेगी.
सावन का महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है. इस बार 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है. इस यात्रा के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई तरह की तैयारियां की हैं. लाखों की संख्या में कांवड़िए पश्चिमी यूपी से होकर गुज़रते हैं. श्रद्धालु हरिद्वार या फिर यूपी के गढ़ मुक्तेश्वर से गंगा जल लेते हैं और लंबी दूरी तय करके अपने-अपने इलाकों में शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं. इस यात्रा को लेकर यूपी पुलिस ने डिटेल्ड गाइडलाइंस जारी की हैं.
सीएम योगी ने बीते दिनों कांवड़ रूट का हवाई सर्वे किया था. इस दौरान उन्होंने अफ़सरों को सख्त निर्देश दिए कि किसी कांवड़िए को कोई असुविधा न हो. गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो. उनके दौरे के अगले ही दिन यूपी के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी ने मेरठ में बड़ी बैठक की. मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा कि होटलों और ढाबों पर चेकिंग का काम फूड सिक्योरिटी विभाग का है. किसी और व्यक्ति या संगठन को इसकी इजाज़त नहीं दी सकती.
हाल के दिनों में मुजफ्फरनगर के स्वामी यशवीर और उनके समर्थकों ने यूपी के कई जगहों पर पहचान अभियान चलाया, जिसे लेकर कई जगहों पर विवाद भी हुआ. आरोप लगे कि पैंट उतारकर लोगों के धर्म के बारे में पता किया गया. स्वामी यशवीर ने उलटे आरोप लगाए कि मुसलमान अपनी पहचान बदलकर ढाबे चलाते हैं. यूपी के डीजीपी राजीव कृष्णा ने कांवड़ यात्रा को लेकर ये दिशानिर्देश जारी किए हैं-
कांवड़ शिविरों, भंडारों, यात्रियों की सुविधा के लिए
- मुख्य कांवड़ मार्ग और महत्त्वपूर्ण स्थानों पर कुल 29,454 सीसीटीवी कैमरे, 395 ड्रोन, 1,845 जल सेवा केन्द्र, 829 चिकित्सा शिविर, 1,222 पुलिस सहायता केन्द्र और कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है.
- कांवड़ शिविरों के प्रबंधकों से समन्वय स्थापित करके सुरक्षा के दृष्टिकोण से एंटी सेबोटाज चेकिंग करवाकर सभी कैंपों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
- पुलिस के सभी अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारियों तक के मोबाइल नंबर, ट्रैफिक डायवर्जन स्कीम और महत्वपूर्ण सूचनाओं को अखबारों में विज्ञापन, होर्डिंग, सोशल मीडिया आदि के जरिए श्रद्धालुओं तक पहुंचाएं.
यात्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती
- कांवड़ यात्रा को सुरक्षित व सकुशल सम्पन्न कराने के लिए कुल 587 गजटेड ऑफिसर, 2040 इंस्पेक्टर, 13,520 सब इंस्पेक्टर, 39,965 हेड कॉन्स्टेबल/कॉन्स्टेबल, 1,486 महिला सब इंस्पेक्टर, 8,541 महिला हेड कॉन्स्टेबल/कॉन्स्टेबल, 50 कम्पनी केन्द्रीय पुलिस बल व पीएसी और 1,424 होमगार्ड्स की ड्यूटी लगाई गई है.
- इसके अलावा विशेष बल- जैसे RAF, QRT और एवं एंटी टेरर स्क्वाड की तैनाती भी की गई है. ड्यूटी में लगे आरक्षियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कांवड़ यात्रा के समस्त निर्देशों एवं मैनजमेंट के बारे में अवगत कराया गया है.
मुख्यालय स्तर से रियल टाइम मॉनिटरिंग
- कांवड़ यात्रा मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. मार्गों की ड्रोन कैमरों और टीथर्ड ड्रोन से नियमित निगरानी की जाएगी. ड्रोन का वीडियो का लिक प्राप्त कर मुख्यालय स्तर से रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी.
- डीजीपी मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर में आठ सदस्यीय टीम बनाई गई है जो 24 घंटे सतर्क रहकर सोशल मीडिया पर कांवड़ यात्रा से संबंधित इनपुट पर नजर रखेगी. सूचनाओं को संबंधित जनपदों को भेजकर भ्रामक खबरों का खंडन, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई और तथ्यात्मक जानकारी सोशल मीडिया पर डलवाना सुनिश्चित करेगी. इसके अलावा सोशल मीडिया पर भ्रामक और आपत्तिजनक पोस्ट को हटवाने की कार्यवाही भी करेगी.
- डीजीपी मुख्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम में भी आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है जो 24 घंटे सतर्क रहकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, यूपी-112 और अन्य समस्त माध्यमों से प्राप्त इनपुट की मॉनिटरिंग करेगी.
सोशल मीडिया से राज्यों के बीच तालमेल
- कांवड़ यात्रा 2025 को सकुशल संपन्न कराने के लिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली एवं राजस्थान के अधिकारियों का विशेष अंतर्राज्यीय वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है. इसके जरिए रियल टाइम सूचनाएं, मार्गों की स्थिति, सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण और अन्य आवश्यक सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान किया जाएगा.
- सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली भ्रामक सूचनाओं, फोटो, वीडियो आदि की तथ्यात्मक जानकारी एकदूसरे से साझा करके ऐसी भ्रामक सूचनाओं का तत्काल खंडन कराया जाएगा. इसके अलावा सोशल मीडिया पर यातायात प्रबंधन, डायवर्जन स्कीम से संबंधित जानकारी साझा की जाएगी .
ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए
- प्रमुख चौराहों और रास्तों पर रोशनी का पर्याप्त इंतजाम रहेगा. इलेक्ट्रॉनिक साइन बोर्ड और संकेतक चिन्ह लगाए गए हैं .
- कांवड़ मार्ग पर भारी भीड़ के कारण विभिन्न राजमार्गो को सामान्य यातायात के लिए कुछ दिन तक प्रतिबन्धित किया जाएगा. इनके वैकल्पिक मार्ग चिह्नित कर लिए गए हैं. प्रस्तावित बैरिकेडिंग और रूट डायवर्जन स्कीम का रिहर्सल किया जा रहा है.
- गाड़ियों से आने वाले कांवड़ियों को तेज रफ़्तार से गाड़ी या मोटर साइकल ना चलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
कांवड़ मार्गों पर सुरक्षा के लिए
- विभिन्न हाइवे और टोल बैरियर पर कांवड़ियों को बायीं तरफ से निकाला जाएगा. भंडारे और शिविरों को सड़क से 20 फीट दूर बायीं ओर ही संचालित किया जा सकेगा.
- नदियों, नहरों के किनारे गोताखोरों को प्रशिक्षित करके लगाया जा रहा है. नदियों के किनारे समुचित बैरिकेडिंग की जा रही है. खतरे के बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं.
- महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए समुचित प्रबंध किए गए हैं. किसी भी व्यक्ति या कांवड़ियों द्वारा अभद्र व्यवहार की सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
- प्रत्येक थाना, चौकी और प्रमुख चौराहों पर पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम के जरिए व्यवस्था बनाये रखने और कांवड़ियों के लिये जरूरी संदेश प्रसारित किए जाएंगे.
- कांवड़ मार्ग में पड़ने वाले होटलों, ढाबों से कांवड़ियों द्वारा खाद्य सामग्री खरीदे जाने के मद्देनजर गुणवत्ता बनाये रखने के लिए खाद्य विभाग से समन्वय स्थापित कर विशेष निगरानी की जा रही है.
- खाद्य सामग्री की रेट लिस्ट भी प्रदर्शित कराई जा रही है ताकि दुकानदारों ओवर चार्जिंग न कर सकें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं