
- अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष के खिलाफ तिकुनिया हिंसा मामले में एफआईआर दर्ज की गई है
- गवाह बलजिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि उसे गवाही न देने की धमकी मिलने के कारण पंजाब पलायन करना पड़ा
- केस में अमनदीप सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति भी शामिल हैं, जिन पर गवाह को धमकाने का आरोप है
पूर्व मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है. लखीमपुर खीरी के चर्चित तिकुनिया हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष पर मुकदमा दर्ज किया गया है. तिकुनिया हिंसा केस से जुड़े गवाह को धमकाने के आरोप में केस दर्ज हुआ. हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. अलग अलग धाराओं 195A, 506, 120B के तहत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है.
गवाह को धमकाने का आरोप
लखीमपुर के निघासन के ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि और टेनी के खास अमनदीप सिंह और एक अन्य अज्ञात के खिलाफ केस हुआ है. 15, 16 अगस्त 2023 को गवाही न देने की धमकी देने का आरोप है. दावा है कि परेशान होकर गवाह पलायन कर पंजाब चला गया. गवाह ने अमनदीप सिंह, अजय मिश्रा टेनी समेत 4 से जान का खतरा बताया. गवाह बलजिंदर सिंह ने मामले की जानकारी पिछली तारीख में सुप्रीम कोर्ट को दी, जिसके बाद अब केस दर्ज किया गया है. पढुआ थाना पुलिस ने तीन धाराओं में चार के खिलाफ केस दर्ज किया.
गवाह का क्या आरोप
पुलिस के अनुसार कठौहा गांव के निवासी और तिकुनिया हिंसा के गवाह बलजिंदर सिंह की शिकायत पर यह FIR दर्ज की गई है. 3 अक्टूबर, 2021 को तिकुनिया हिंसा में टेनी का बेटा आशीष मिश्र मुख्य आरोपी है. बलजिंदर सिंह ने शिकायत की कि मामले में एक और आरोपी अमनदीप सिंह और उसके अज्ञात साथी ने 15 अगस्त, 2023 और फिर 16 अगस्त, 2023 को उन्हें अदालत में गवाही देने से रोकने के लिए धमकाया था. बलजिंदर सिंह ने शिकायत में आरोप लगाया कि धमकियों के डर से वह गांव छोड़कर पंजाब चले गए. बलजिंदर सिंह ने शिकायत में पुलिस से कार्रवाई करने का आग्रह किया.
सुप्रीम कोर्ट का पुलिस का निर्देश
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी पुलिस को निर्देश दिया था कि वह शिकायतकर्ता के निवास स्थान पर संपर्क करने और उसकी शिकायत की पुष्टि के बाद जांच करने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त करे. खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को तैनात किया गया, जो शिकायतकर्ता की शिकायत की पुष्टि के लिए संपर्क करने पंजाब गए.
उन्होंने बताया कि शिकायत की पुष्टि के बाद, पडुवा थाने में टेनी, आशीष, अमनदीप और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. संकल्प शर्मा ने कहा, 'चार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 195 ए (किसी व्यक्ति को झूठे साक्ष्य देने के लिए धमकाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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