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This Article is From Nov 18, 2022

वाराणसी की गंगा आरती में किया गया तमिलनाडु के सांस्कृतिक समूहों का स्वागत

वाराणसी में काशी तमिल संगमम का आयोजन करने जा रही सरकार, कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आएंगे

वाराणसी की गंगा आरती में किया गया तमिलनाडु के सांस्कृतिक समूहों का स्वागत
वाराणसी में शुक्रवार को गंगा आरती में तमिलनाडु से आए समूहों का स्वागत किया गया.
वाराणसी:

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सरकार काशी तमिल संगमम का आयोजन करने जा रही है. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को वाराणसी आ रहे हैं. यह कार्यक्रम एक महीने तक चलेगा. इसमें तमिलनाडु के अलग-अलग इलाकों के ग्रुप काशी आएंगे. इस कार्यक्रम में विभिन्न समूहों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा. इस कार्यक्रम को लेकर काशी में उत्साह का माहौल है. 

इसी कड़ी में दशाश्वमेध घाट पर होने वाली आरती आज काशी तमिल संगमम को समर्पित थी. घाट पर दीये जलाकर तमिलनाडु से आए लोगों का स्वागत किया गया. गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष  तिवारी ने यह जानकारी दी. 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में महीने भर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम' का 19 नवंबर को उद्घाटन करेंगे. शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘काशी तमिल संगमम' का आयोजन 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक वाराणसी (काशी) में किया जाएगा. इसका उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन ज्ञान केंद्रों- तमिलनाडु एवं काशी के बीच सदियों पुरानी कड़ियों को फिर से तलाशना और उनका उत्सव मनाना है.

केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री के काशी दौरे से पहले वाराणसी में इसकी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. मंत्रालय ने बताया कि इससे पहले प्रधानमंत्री ने ‘काशी तमिल संगमम' का सफल आयोजन सुनिश्चित करने के लिए रेल मंत्री, तमिलनाडु के राज्यपाल, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ बैठकें कीं.

‘काशी तमिल संगमम' का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अन्य मंत्रालयों जैसे कि संस्कृति, वस्‍त्र, रेल, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना व प्रसारण मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है.

इस आयोजन का उद्देश्य इन दोनों ही क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और जीवन के अन्य क्षेत्रों के लोगों को एकजुट होने, अपने ज्ञान, संस्कृति व सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर प्रदान करना है.

मंत्रालय के अनुसार, इस विशिष्‍ट आयोजन के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-मद्रास और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं. छात्र, शिक्षक, साहित्य, संस्कृति, शिल्प, अध्यात्म, विरासत, व्यवसाय, उद्यमी, पेशेवर आदि सहित 12 श्रेणियों के तहत तमिलनाडु के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि वाराणसी के आठ दिवसीय दौरे पर जाएंगे. इसके तहत 200 छात्रों के प्रतिनिधियों के पहले समूह ने 17 नवंबर को चेन्नई से अपना दौरा शुरू किया.
(इनपुट भाषा से भी)

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