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This Article is From Jul 22, 2017

अपराधियों में हो पुलिस का डर, जनता के प्रति उसके व्‍यवहार में हो सुधार : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री लखनऊ के शास्त्री भवन में आयोजित एक बैठक में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.

अपराधियों में हो पुलिस का डर, जनता के प्रति उसके व्‍यवहार में हो सुधार : योगी आदित्यनाथ
यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (फाइल फोटो)
  • सभी जनपदों में यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की आवश्यकता है
  • सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाना चाहिए
  • पुलिसकर्मियों को व्यवहार को मित्रवत बनाना चाहिए, ताकि लोग घबराएं नहीं
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली और जनता के प्रति उसके व्यवहार में सुधार की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण के लिए जघन्य घटनाओं में तुरन्त कार्रवाई करते हुए अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए ताकि वे अपराध से दूर रहें. मुख्यमंत्री लखनऊ के शास्त्री भवन में आयोजित एक बैठक में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने डायल ‘100’ सेवा को बेहतर बनाने पर बल देते हुए कहा कि इसके तहत मुहैया कराई जा रही सेवा को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाया जाए, ताकि संकट पड़ने पर लोगों की मदद प्रभावी ढंग से की जा सके. किसी घटना की सूचना मिलने पर डायल ‘100’ की टीम घटनास्थल पर तेजी से पहुंचकर स्थिति को अपने नियंत्रण में लेकर लोगों की मदद करे. उन्होंने कहा कि इस सेवा में कार्यरत पुलिस कर्मियों को अपने व्यवहार को मित्रवत बनाना चाहिए, ताकि लोग उनसे घबराएं नहीं.

योगी ने अग्निशमन सेवा की समीक्षा करते हुए कहा कि इसे और अधिक प्रभावी बनाना होगा. सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों तथा अन्य ऊंची इमारतों का अग्नि सुरक्षा के संबंध में सेफ्टी ऑडिट कराया जाना चाहिए. इस सेवा को सुचारू एवं प्रभावी ढंग से उपलब्ध कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए.

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बैठक के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा सभी तहसील मुख्यालयों पर फायर स्टेशन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल देने के साथ-साथ आग से निपटने के लिए नए उपकरणों की खरीद की बात भी कही गई. अधिकारियों ने अग्निशमन सेवा को आधुनिक यंत्रों तथा उपकरणों से सुसज्जित करने की बात भी कही.

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मुख्यमंत्री ने यातायात निदेशालय के कार्य-कलापों की समीक्षा करते हुए कहा कि राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जनपदों में यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की आवश्यकता है. ट्रैफिक नियमों जैसे- हेलमेट लगाना, सीट बेल्ट बांधना, कारों से ब्लैक फिल्म हटाना तथा हूटर के उपयोग को रोकने का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय ईयर फोन एक बड़ी समस्या बन चुका है. इसे रोका जाना आवश्यक है. ऐसा करने वाले पर फौरन चालान किया जाए. योगी ने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों से सख्ती से निपटा जाए. इसके अलावा, ट्रैफिक नियमों के विषय में लोगों को जागरूक बनाया जाए. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से भी ट्रैफिक नियमों के सम्बन्ध में जागृति लायी जाए.

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ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए उन्होंने कहा कि तंग सड़कों को वन-वे किया जाए और सड़कों के किनारे लगने वाले ठेलों और खोमचे वालों को कहीं और शिफ्ट किया जाए. उन्होंने वाहनों की चेकिंग के साथ-साथ लगातार पेट्रोलिंग करने के भी निर्देश दिए. बैठक के दौरान यातायात निदेशालय के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को विभाग के अन्तर्गत चल रही विभिन्न परियोजनाओं के विषय में भी जानकारी दी गई. उन्हें ई-चालान ऐप, वेबसाइट तथा लखनऊ में यातायात की व्यवस्था में सुधार हेतु किए जा उपायों के विषय में भी जानकारी दी गई.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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