- कानपुर में अनाथ दुष्कर्म पीड़िता को पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री जनता दरबार में शिकायत करनी पड़ी
- पीड़िता के फुफेरे भाई पर मकान बेचकर पैसे हड़पने और दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया गया है
- कल्याणपुर थाने के दरोगा पर आरोपी से सांठगांठ कर मामले को दबाने और रिश्वत लेने का आरोप है
यूपी के कानपुर में एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली और संवेदनहीनता कठघरे में है. एक अनाथ दुष्कर्म पीड़िता को जब स्थानीय थाने और कमिश्नरेट से न्याय नहीं मिला, तो उसे मजबूरन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'जनता दरबार' की शरण लेनी पड़ी. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब कानपुर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
भरोसे का कत्ल और पुलिस की मिलीभगत
कल्याणपुर के बारा सिरोही की रहने वाली वंदना सिंह (बदल हुआ नाम) ने अपने माता-पिता को खोने के बाद अपने फुफेरे भाई अनिरुद्ध सिंह उर्फ अतुल पर भरोसा किया था. आरोप है कि अनिरुद्ध ने सहारा देने के बहाने पहले पीड़िता का पुश्तैनी मकान बिकवा दिया और धोखे से 10 लाख रुपये अपने पास रख लिए.
इतना ही नहीं, आरोपी ने एक रात शराब के नशे में पीड़िता के नाबालिग भाई को जान से मारने की धमकी देकर युवती के साथ दुष्कर्म किया. जब पीड़िता न्याय की उम्मीद में पुलिस के पास पहुंची, तो वहां की तस्वीर और भी भयावह थी.
दरोगा पर आरोपी से सांठगांठ का आरोप
मामले की जांच कल्याणपुर थाने के दरोगा राजवीर सिंह को सौंपी गई थी. पीड़िता का संगीन आरोप है कि दरोगा ने न्याय दिलाने के बजाय आरोपी से सांठगांठ कर ली. दरोगा ने कथित तौर पर आरोपी को चौकी बुलाकर मामला रफा-दफा करने के लिए पैसे लिए. जब पीड़िता ने अपने बाकी पैसों की मांग की, तो आरोपी ने सीना ठोककर कहा, "एक लाख रुपये दरोगा को दे दिए हैं, अब तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगी."
मुख्यमंत्री दरबार में छलका दर्द
सिस्टम से हार चुकी युवती सोमवार को लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंची. जनता दरबार में रोते हुए पीड़िता ने जब अपनी आपबीती और दरोगा की करतूत बताई, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल सख्त रुख अपनाया. सीएम कार्यालय ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से जवाब तलब करते हुए मामले की विस्तृत रिपोर्ट और अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है."
सीएम ने लिया भाई की शिक्षा और आवास का जिम्मा
संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने न केवल पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताई, बल्कि पीड़िता को आश्वासन दिया कि उसके नाबालिग भाई की मुफ्त शिक्षा, आय का साधन और आवास की व्यवस्था सरकार करेगी.
कानपुर पुलिस की सफाई
मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद कानपुर पुलिस हरकत में आई है. जॉइंट पुलिस कमिश्नर अशुतोष कुमार ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और दरोगा पर लगे आरोपों सहित सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी के साथ-साथ लापरवाह पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरना तय है.
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