बंगाल हिंसा पर सीएम योगी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित संवाद कार्यक्रम में NDTV से मुर्शिदाबाद हिंसा के मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि बंगाल का मुर्शिदाबाद आज जल रहा है. इस पर आज सब मौन हैं. वहीं यूपी की कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले यूपी में दंगे होते थे. लेकिन अब अलीगढ़, लखनऊ और कानपुर में दंगे नहीं होते हैं. पहले यूपी में व्यापारी व्यापार करने से डरता था लेकिन अब ऐसा नहीं है.
ये लोग बाबर-जिन्ना का सम्मान करते हैं
वहीं विपक्ष पर हमलावर सीएम योगी ने कहा कि ये लोग सिर्फ अपनी जाति और अपने परिवार के लिए सोचते हैं. इनका ध्येय बाबर और जिन्ना का सम्मान करना है. ये लोग माफिया के लिए आंसू बहाते हैं
अंतिम पायदान के व्यक्ति तक मजबूती से पहुंच रही आवाज
सीएम योगी ने कहा कि संवाद कठिन से कठिन समस्या के समाधान का सशक्त माध्यम है. जहां पर संवाद बाधित होता है वहीं से संघर्ष शुरू हो जाता है. भारत का लोकतंत्र कितना सशक्त है इसने अपने सभी स्तंभों के लिए उसकी लक्ष्मण रेखाएं भी तय की हैं. विधायिका का क्या करना है. कार्यपालिका की सीमाएं क्या हैं और न्याय पालिका की रचनात्मक भूमिका कैसे आगे बढ़ सकती है वहीं मीडिया भी इस रूप में अपनी जीवंत उपस्थिति के माध्यम से एक आम नागरिक को अपने साथ जोड़ सकती है. ये चारों स्तंभ अपनी लक्ष्मण रेखाओं का पालन करते हुए जब भी कार्य करते हैं तो यह लोकतंत्र इतना ही फलेगा-फूलेगा. और अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति की आवाज को उतना ही मजबूती के हर स्तर तक पहुंचाने में मदद भी मिलेगी.
अधिकार सिर्फ तब तक सुरक्षित...
शासन की सभी प्रणालियों में लोकतंत्र को सबसे अच्छा इसीलिए माना गया है क्यों कि हर व्यक्ति को बिना भेदभाव के एक समान अधिकार और समान मूल्यों के साथ जीने की स्वतंत्रता होती है. अगर हमें कहीं स्वतंत्रता और अधिकार मिले हैं तो इसके संरक्षण के लिए जरूरी है कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी के साथ करें. कर्तव्यों और अधिकारों के बीच में सदियों से एक द्वंद रहा है. कौन भारी है और कौन ज्यादा सशक्त है. कोई भी अधिकार सिर्फ तब तक सुरक्षित है जब तक वह अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से कर रहा है. जैसे ही वह अपने कर्तव्यों से थोड़ा भी पीछे हटा तो उसके सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाता है.
दुनिया में भारत, 140 करोड़ नागरिकों को उसके लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करते हुए एक साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित हुआ है. ये लोकतंत्र के चारों पिलरों की अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने का ही परिणाम है.
लखनऊ UP की नीतियों का केंद्र बिंदु
लखनऊ अपने आप में एक विरासत लेकर चला है. इसके साथ पौराणिक और एतिहासिक तौर पर और आजादी के बाद की एक लंबी परंपरा जुड़ी हुई है. पूरे उत्तर प्रदेश के लिए जो भी नीतियां बनती हैं ये उसका केंद्र बिंदु है. संवाद का ये कार्यक्रम लखनऊ के माध्यम से 25 करोड़ जन मानस तक न सिर्फ पहुंचेगा बल्कि उन 25 करोड़ लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व भी संवाद के जरिए इस मंच से दो दिनों तक होगा.
उत्तर प्रदेश में क्या बदला?
उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है. और भारत की आस्था का केंद्र बिंदु भी है. हर कोई जीवन में एक बार उत्तर प्रदेश जरूर आना चाहता है. हर भारतवासी खुद की पहचान के साथ यूपी को जोड़ने की कोशिश करता है. सभी के मन में ये बात आती होगी कि उत्तर प्रदेश में क्या बदला है. क्यों कि डबल इंजन सरकार की चर्चाएं होती हैं . मैं मंच पर आकर अपनी बात रखूंगा. हर कोई अपनी बात को अपने तरीके से कहेगा. क्या कितना बदला है इसको मापने का सबसे अच्छा पैमाना ये है कि देश के अंदर आपके प्रति पहले क्या धारणा थी और आज क्या बदला है.
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