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This Article is From Aug 07, 2020

अयोध्या : मस्जिद के शिलान्यास में CM योगी के नहीं जाने के बयान पर बिफरा विपक्ष, कही ये बात

सपा ने कहा, ''ऐसा कह कर योगी जी ने अपनी उस शपथ का उल्लंघन किया है जो उन्होंने मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के पहले ली थी. वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं न कि केवल हिन्दुओं के."

अयोध्या : मस्जिद के शिलान्यास में CM योगी के नहीं जाने के बयान पर बिफरा विपक्ष, कही ये बात
योगी आदित्यनाथ ने एक साक्षात्कार में दिया बयान (फाइल फोटो)
अयोध्या:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के इस बयान कि ''योगी और हिन्दू'' होने के नाते वह अयोध्या (Ayodhya) में मस्जिद के संग-ए-बुनियाद समारोह में नही जायेंगे, पर प्रतिक्रिया करते हुये समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें अपने इसके लिये लोगों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं. 

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता पवन पांडेय ने कहा, ''ऐसा कह कर योगी जी ने अपनी उस शपथ का उल्लंघन किया है जो उन्होंने मुख्यमंत्री पद ग्रहण करने के पहले ली थी. वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं न कि केवल हिन्दुओं के. प्रदेश में हिन्दू और मुसलमानों की जो भी आबादी हो, वह सभी के मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री की यह भाषा गौरव को कम करती है." पांडेय ने कहा, ''उन्हें इसके लिये लोगों से माफी मांगनी चाहिये."

मुख्यमंत्री के इस बयान के बारे में जब कांग्रेस के मीडिया संयोजक लल्लन कुमार से बात की गयी तो उन्होंने कहा, ''हमें उनके मस्जिद पर दिये गये बयान के बारे में कुछ नही कहना है.'' उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री को मालूम होना चाहिये कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अयोध्या गये थे और ताला खुलवाया था. वे गलत हिन्दुत्व की राजनीति कर रहे हैं जबकि कांग्रेस हमेशा लोगों की भलाई के लिये काम करती है. भगवान राम सबके हैं जबकि भाजपा दिखाना चाहती है कि राम केवल उनके हैं, यह उनकी गलतफहमी है.'' 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक निजी टीवी चैनल को दिये गये साक्षात्कार में कहा था, ''एक योगी और हिन्दू होने के नाते वह अयोध्या में मस्जिद के शिलान्यास समारोह में नही जायेंगे.'' उन्होंने कहा था, ''अगर आप एक मुख्यमंत्री की हैसियत से यह सवाल पूछ रहे हैं तो मुझे किसी धर्म, मान्यता या समुदाय से कोई परहेज नहीं है, लेकिन अगर आप मुझसे एक योगी के रूप में पूछ रहे हैं तो मैं हरगिज नहीं जाऊंगा, क्योंकि एक हिन्दू के रूप में मुझे अपनी उपासना विधि का पालन करने का अधिकार है.'' 

मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं न तो वादी हूं और न ही प्रतिवादी, इसलिये न तो मुझे बुलाया जायेगा और न ही मैं जाऊंगा. मुझे मालूम है कि मुझे इसका निमंत्रण नही मिलेगा. जिस दिन उन लोगो ने मुझे बुला लिया उस दिन कई लोगों की धर्म निरपेक्षता खतरे में पड़ जाएगी. इसलिये मैं नहीं चाहता है कि किसी की धर्मपिरपेक्षता खतरे में पड़े और मैं इसी लिये खामोशी से बिना किसी भेदभाव के काम कर रहा हूं ताकि सरकार की योजनाओं को सबको सामान्य रूप से लाभ मिल सके.'' 

मुख्यमंत्री ने कहा, ''सिर पर टोपी लगाकर रोजा इफ्तार करना कोई धर्मनिरपेक्षता नहीं है. लोग जानते हैं कि यह ढोंग है और लोग इसकी वास्तविकता भी जानते है.'' कांग्रेस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया, ''कांग्रेस कभी समाधान नहीं चाहती थी वो अपने राजनीतिक फायदे के लिये विवाद जारी रखना चाहती थी.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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