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फरवरी में सस्ती हुई वेज-नॉनवेज थाली, क्या अब महंगाई से मिलेगी राहत?

Veg, Non-veg Thali Prices : शाकाहारी थाली की लागत में कमी की मुख्य वजह टमाटर और रसोई गैस (LPG) के दाम में गिरावट रही.जनवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) महंगाई दर 4.31% रही, जो दिखाता है कि सब्जियों की कीमतों में नरमी आई है.

फरवरी में सस्ती हुई वेज-नॉनवेज थाली, क्या अब महंगाई से मिलेगी राहत?
Vegetable Prices : प्याज, टमाटर, आलू और ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट के कारण मासिक आधार पर दोनों थालियों की कीमतें घटी हैं.
नई दिल्ली:

देश में महंगाई (Inflation) पर काबू पाने के संकेत दिखने लगे हैं. फरवरी में सब्जियों की कीमतों (Vegetable Price in India) में गिरावट के चलते घर में पकाई जाने वाली शाकाहारी थाली (Veg Thali) सस्ती हो गई, जबकि मांसाहारी थाली (Non-Veg Thali) की कीमत में सालाना 6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. 

इसके अलावा, कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम कई महीनों के निचले स्तर पर हैं और गेहूं उत्पादन इस साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है.  

फरवरी में दोनों थालियों की कीमतों में 5% की गिरावट

क्रिसिल की 'रोटी राइस रिपोर्ट' के अनुसार, फरवरी में शाकाहारी थाली की लागत सालाना आधार पर 1% घटी, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत में 6% का इजाफा हुआ. हालांकि, जनवरी की तुलना में फरवरी में दोनों थालियों की कीमतों में 5% की गिरावट दर्ज की गई है.  

वेज थाली क्यों हुई सस्ती?  

शाकाहारी थाली की लागत में कमी की मुख्य वजह टमाटर और रसोई गैस (LPG) के दाम में गिरावट रही.  टमाटर की कीमतों में 28% गिरावट आई है, जो पिछले साल 32 रुपये प्रति किलो थी और अब 23 रुपये प्रति किलो हो गई है. इसकी वजह इस साल 20% अधिक टमाटर उत्पादन होना है. वहीं, LPG सिलेंडर की कीमतें 11% घटी हैं, जिससे आम जनता को राहत मिली है.  

हालांकि, प्याज, आलू और वनस्पति तेल (Edible Oil) की बढ़ती कीमतों ने इस गिरावट को पूरी तरह संतुलित नहीं होने दिया. प्याज की कीमत में 11%, आलू में 16% और वनस्पति तेलों में 18% की बढ़ोतरी हुई है.  

नॉन-वेज थाली की कीमत क्यों बढ़ी?  

मांसाहारी थाली की लागत में सालाना इजाफे की मुख्य वजह ब्रॉयलर चिकन (Broiler Chicken) के दाम में बढ़ोतरी है, जो इसकी कुल लागत का लगभग 50% होता है.  ब्रॉयलर चिकन की कीमतें 15% बढ़ी हैं. पिछले साल इसी समय सप्लाई अधिक होने के कारण कीमतें घटी थीं, लेकिन इस साल मांग ज्यादा होने से दाम बढ़ गए हैं.  

हालांकि, प्याज, टमाटर, आलू और ब्रॉयलर की कीमतों में गिरावट के कारण मासिक आधार पर दोनों थालियों की कीमतें घटी हैं. साउथ इंडिया में बर्ड फ्लू (Bird Flu) के डर से ब्रॉयलर की मांग घटी, जिससे इसकी कीमत में 5% की गिरावट आई है.  

इस साल गेहूं उत्पादन में रिकॉर्ड तेजी की उम्मीद

जनवरी में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित महंगाई दर 4.31% रही, जो दिखाता है कि सब्जियों की कीमतों में नरमी आई है. इसके अलावा, सरकार के अनुमानों के अनुसार, गेहूं उत्पादन इस साल रिकॉर्ड 115.4 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है, जिससे अनाज की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी.  कुल मिलाकर, थाली के दाम में कमी, कच्चे तेल के दामों में गिरावट और गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान से संकेत मिल रहे हैं कि महंगाई धीरे-धीरे कम हो सकता है.


 

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