
SIR Electoral Roll: बिहार में पिछले दिनों वोटर लिस्ट रिवीजन हुआ था, जिसमें लाखों लोगों के नाम हटाए गए हैं. चुनाव आयोग ने इसे स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) का नाम दिया था. वोटर लिस्ट रिवीजन में लोगों को ये साबित करना था कि वो उसी जगह के वोटर हैं या नहीं... बिहार के बाद अब देशभर में वोटर लिस्ट रिवीजन की तैयारी हो रही है. बताया जा रहा है कि जल्द ये प्रक्रिया शुरू हो सकती है, इससे पहले चुनाव आयोग की तरफ से भी देशभर में SIR की बात कही गई थी. ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि किन लोगों को दस्तावेज दिखाने होंगे और कैसे आप लिस्ट से अपना नाम कटने से बचा सकते हैं.
क्या है SIR?
सबसे पहले ये जान लीजिए कि ये SIR क्या है. चुनाव आयोग की तरफ से फर्जी वोटर्स की पहचान और उन्हें वोटर लिस्ट से हटाने के लिए ये प्रोसेस होता है, जिसे स्पेशल इंटेसिव रिवीजन कहा जाता है.
- जिन लोगों की मौत हो चुकी है, उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जाता है.
- जो लोग अपना गांव या फिर शहर छोड़कर जा चुके हैं और दूसरे राज्य के वोटर हैं, उनका नाम भी हटाया जाता है.
- विदेशी नागरिकों का नाम भी वोटर लिस्ट से हटाया जाता है.
- SIR के दौरान भरे जाने वाले फॉर्म से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा भी सकते हैं.
किसे दिखाने होंगे दस्तावेज?
बिहार के लिए चुनाव आयोग की तरफ से 2003 की लिस्ट को आधार बनाया गया था. यानी जिन लोगों का नाम 2003 की लिस्ट में शामिल था, उन्हें दस्तावेज दिखाने या फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ी. इसके बाद वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने वाले लोगों को ये साबित करना था कि वो वैध वोटर हैं या नहीं... इसी तरह चुनाव आयोग अब देशभर में होने वाले वोटर लिस्ट रिवीजन के लिए एक क्राइटेरिया बना सकता है. अगर 2003 की ही लिस्ट को मान्यता मिलती है तो उन करोड़ों लोगों को दस्तावेज दिखाने होंगे, जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है. हालांकि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अब आधार कार्ड को भी SIR के लिए मान्य दस्तावेजों की लिस्ट में शामिल कर दिया है.
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ये दस्तावेज हैं मान्य
- आधार कार्ड
- केंद्र, राज्य या पीएसयू के नियमित कर्मचारी/पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ)
- 01.07.1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी पहचान पत्र/प्रमाणपत्र/दस्तावेज
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त बोर्ड/विश्वविद्यालयों द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन/शैक्षणिक प्रमाण पत्र
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां यह उपलब्ध हो)
- राज्य/स्थानीय प्राधिकारों द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर
- सरकार का कोई भी भूमि/मकान आवंटन प्रमाण पत्र
नाम कट जाए तो क्या करें?
अगर आपका SIR के दौरान वोटर लिस्ट से नाम हट जाता है तो आपको चुनाव आयोग की तरफ से मौका दिया जाएगा. आप अपने बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं और फॉर्म भरने के बाद वोटर लिस्ट में आपका नाम जोड़ दिया जाएगा. हालांकि इसके लिए आपको जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे, जिससे ये साबित हो पाएगा कि आप उसी जगह के वोटर हैं.
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