- दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बढ़कर रविवार को बहुत खराब श्रेणी में 391 तक पहुंच गया है
- दिल्ली के लगभग सभी क्षेत्रों में एक्यूआई स्तर तीन सौ से अधिक है और कई स्थानों पर चार सौ के ऊपर दर्ज हुआ है
- वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण दिल्ली में कुल प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है, जिसका योगदान 16% से अधिक है
234, 332, 385 और आज 391... दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर (AQI) पिछले 3 दिन से लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली में रविवार को कोहरे के साथ स्मॉग भी बढ़ गया है. दिल्ली में सुबह 6 बजे रविवार को औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' कैटेगरी में आता है. मौसम विभाग की मानें तो अगले 4 दिनों तक इसमें सुधार होने की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है. हवा की गति बेहद कम है, जिससे स्थिति बिगड़ रही है. दिल्ली ही नहीं नोएडा (AQI 415) और गुरुग्राम (342) का भी बुरा हाल है. पहाड़ों के लोग भी इस प्रदूषण से हांफ रहे हैं. देहरादून का एक्यूआई लेवल रविवार सुबह 6 बजे 195 रिकॉर्ड किया गया. ऐसे में दिल्ली से देहरादून तक सिर्फ जहरीली हवा में लोग सांस लेने को मजबूर हैं.
दिल्ली की हवा आज कितनी जहरीली?
दिल्ली के एक्यूआई लेवल में शनिवार के मुकाबले रविवार को बढ़ोतरी हुई है. आनंद विहार में आज सबसे ज्यादा एक्यूआई लेवल 445 दर्ज किया गया. वहीं, सबसे कम एक्यूआई लेवल 214 द्वारका में रिकॉर्ड किया गया है. इसके अलावा कहीं भी एक्यूआई 300 से कम नहीं है. ज्यादातर जगह आज एक्यूआई लेवल 400 के ऊपर दर्ज किया गया है. मुंडका में 414, नरेला में 426, नेहरु नगर में 434, जहांगीर पुरी में 430 और शादीपुर में 443 एक्यूआई लेवल दर्ज किया गया.

4 दिन से लगातार बढ़ रहा दिल्ली का AQI लेवल
सीपीसीबी के अनुसार बृहस्पतिवार को शाम चार बजे एक्यूआई 234 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है. शहर में बुधवार और बृहस्पतिवार को हवा की गुणवत्ता अपेक्षाकृत बेहतर रही, लेकिन शुक्रवार से प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा और एक्यूआई गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गई. रविवार को भी ये बहुत खराब श्रेणी में बनी हुआ है. दिल्ली में स्थित 40 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 20 से ज्यादा केंद्रों पर एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया है. सीपीसीबी के ‘समीर ऐप' के आंकड़ों के अनुसार, इनमें शादीपुर, विवेक विहार, अशोक नगर, बावना, चांदनी चौक, डीटीयू, द्वारका, आईटीओ और मुंडका आदि केंद्र शामिल हैं.

दिल्ली कहां से आ रहा स्मॉग?
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़ों से पता चला कि शनिवार को दिल्ली में प्रदूषण के कुल स्तर में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का सबसे बड़ा योगदान था, जो 16.2 प्रतिशत था. इसके बाद दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में उद्योगों से होने वाला उत्सर्जन (8.5 प्रतिशत), आवासीय उत्सर्जन (4 प्रतिशत) और बायोमास जलाने से होने वाला उत्सर्जन (1.6 प्रतिशत) रहा. आंकड़ों के अनुसार, एनसीआर जिलों में, दिल्ली के प्रदूषण स्तर में सबसे अधिक योगदान हरियाणा के झज्जर का रहा, जो 17.5 प्रतिशत था, इसके बाद सोनीपत (5.8 प्रतिशत) और रोहतक (5.6 प्रतिशत) का स्थान रहा.

अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं
प्रदूषण से हांफते दिल्लीवालों को अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रहने की आशंका है. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि शनिवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.8 डिग्री अधिक था जबकि न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा. आईएमडी ने रविवार को न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है. सुबह और शाम के समय हल्की से लेकर घनी धुंध छाने का अनुमान है.
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