अगर आप मार्केट में निवेश (Invest) करना चाहते हैं, लेकिन मार्केट के उतार-चढ़ाव के चलते रिस्क लेने से डरते हैं. तो आप म्यूचुअल फंड्स का रास्ता अपना सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप SIP और SWP जैसे तरीकों को चुन सकते हैं. इन दोनों में क्या अंतर है इसे समझने के लिए पहले SIP और SWP क्या होते हैं और इनके फायदे क्या हैं इसके बारे में जान लेते हैं.
SIP क्या होता है? (What Is SIP Investment)
SIP का मतलब होता है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan). इसके जरिए निवेशक म्यूचुअल फंड में एकमुश्त रकम (lump sum amount) की बजाय समय-समय पर छोटी राशि निवेश करते है. इस तरीके में एक निश्चित अंतराल में चुने गए म्यूचुअल फंड में निर्धारित राशि जमा कर सकते हैं. इस योजना के तहत निवेशक प्रतिदिन, मासिक, तिमाही या अपनी पसंद की किसी भी फ्रीक्वेंसी के हिसाब से निवेश कर सकते हैं.
SIP के फायदे (Benefits of SIP)
1. निवेश के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं
अगर आप SIP में निवेश करना चाहते है, तो हर महीने महज 500 रुपए की रकम से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. जब आप निवेश की रकम को बढ़ाना चाहें तो आप इसे अपनी सुविधानुसार बढ़ा भी सकते है.
2. फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है
आप SIP में अपनी इच्छा अनुसार मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर निवेश कर सकते है. वहीं किसी आर्थिक मुश्किल का सामना करने पर आप इसे बीच में कुछ समय के लिए रोक भी सकते हैं. यानी इस प्लान में आपको फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है.
3. कंपाउंडिंग का फायदा
आपको SIP में कंपाउंडिंग का बेनिफिट मिलता है. यानी आपको अपने निवेश पर जो रिटर्न मिलता है, उस रिटर्न पर भी आपको रिटर्न मिलता है. इसके अलावा SIP में करीब 12 फीसदी तक का सालाना औसत रिटर्न मिल जाता है. कई बार ये रिटर्न इससे ज्यादा भी होता है. ऐसे में SIP के जरिए आप लंबी अवधि में अच्छा फंड तैयार कर सकते है.
4. बचत और वित्तीय अनुशासन सिखाता है
SIP के जरिए आप बचत करना सीखते हैं. आपको मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर जो भी पैसा निवेश करना होता है, उस रकम को आप बचाकर रखते है, उसे खर्च नहीं करते. इस तरह ये आप में वित्तीय अनुशासन लाता है.
SWP क्या है? (What is Systematic Withdrawal Plan)
सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan - SWP) के जरिये निवेशक एक निश्चित अंतराल पर एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Schemes) से निकाल सकते हैं. कितने समय में कितना अमाउंट निकालना है, यह फैसला खुद निवेशक ही करते हैं. वे मासिक या तिमाही आधार पर तय राशि निकालने का विकल्प चुन सकते हैं. वैसे इसका मंथली ऑप्शन (Regular Monthly Income) ज्यादा पॉपुलर है.
SWP रिटायरमेंट प्लानिंग में काफी काम आता है. यह उन लोगों के लिए काफी हेल्पफुल है, जो अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो से रेगुलर इनकम चाहते हैं. यानी जिन लोगों को नियमित कैश फ्लो की जरूरत होती है उनके लिए ये प्लान काफी अच्छा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह प्लान रिटायर्ड लोगों के लिए अच्छा है या ऐसे लोग भी इसके बारे में सोच सकते हैं जो रिटायरमेंट के करीब है.
यानी SIP का इस्तेमाल जहां निवेश के लिए किया जाता है, वहीं SWP का इस्तेमाल म्यूचुअल फंड से विद्ड्रॉल के लिए करते हैं.
SWP के फायदे:
1. नियमित आय का जरिया
यह निर्धारित लक्ष्यों या जरूरतों के लिए रेगुलर कैश प्रोवाइड करने में मदद करता है. इसलिए रिटायरमेंट के दौरान आपके मंथली इनकम सोर्स के तौर पर भी काम कर सकता है.
2. निवेश की निरंतरता
जब आप फंड्स निकालते हैं, तब भी बाकी बचे निवेश में ग्रोथ हो सकती है. यह बैलेंस सुनिश्चित करता है कि आप अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को एक्टिव रखते हुए इनकम जनरेट करना जारी रख सकते हैं.
भारत के 5 टॉप परफॉर्मिंग SWP म्यूचुअल फंड (5 Best SWP Mutual Funds in India)
1. HDFC हाईब्रिड इक्विटी फंड
2. ICICI प्रु बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
3. SBI मैग्नम बैलेंस्ड फंड
4. आदित्य बिरला एसएल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
5. DSP इक्विटी एंड बॉन्ड फंड - डायरेक्ट ग्रोथ
(यह सिर्फ एक सामान्य जानकारी है. किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं