भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को बैंकों को ‘रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड' जारी करने की अनुमति देने का फैसला किया. इस कदम से विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए भुगतान करने के विकल्प बढ़ेंगे. इस कार्ड का इस्तेमाल एटीएम, पीओएस मशीन और विदेश में ऑनलाइन व्यापारियों के लिए किया जा सकेगा.
इसके अलावा बैंक विदेश में रुपे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और प्रीपेड कार्ड जारी कर सकेंगे, जिसका इस्तेमाल भारत सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति जारी करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘ये उपाय विश्वस्तर पर रुपे कार्ड की पहुंच और स्वीकृति को बढ़ाएंगे.''
यह फैसला भारत में बैंकों द्वारा जारी किए गए रुपे डेबिट और क्रेडिट कार्ड को मिली अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति के मद्देनजर आया है. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) एक ‘कभी भी, कहीं भी' बिल भुगतान मंच है, जो अगस्त, 2017 से चालू है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय बीबीपीएस से 20,500 से अधिक बिल जारी करने वाले जुड़े हैं, जो हर महीने 9.8 करोड़ से अधिक लेनदेन करते हैं. बीबीपीएस के दायरे को दिसंबर, 2022 में बढ़ाया गया था, ताकि भुगतान और संग्रह की सभी श्रेणियों को शामिल किया जा सके.''
उन्होंने कहा कि प्रणाली की दक्षता बढ़ाने और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए बीबीपीएस में सदस्यता और लेनदेन मानदंड की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा.
ई-रुपी डिजिटल वाउचर के संबंध में दास ने कहा कि इसके दायरे और पहुंच को बढ़ाने का प्रस्ताव है. इसके तहत गैर-बैंक प्रीपेड भुगतान साधन (पीपीआई) जारी करने वालों को ई-रूपी वाउचर जारी करने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा व्यक्तियों की ओर से ई-रूपी वाउचर जारी करने के उपाय भी किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि ये उपाय ई-रूपी डिजिटल वाउचर के लाभ को उपयोगकर्ताओं के व्यापक समूह तक पहुंचाएगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं