PF अकाउंटहोल्डर्स! तुरंत करा लें ई-नॉमिनेशन वर्ना इंश्योरेंस और पेंशन का लाभ लेने में होगी परेशानी

अक्सर ऐसा देखा गया है कि पीएफ अंशधारक का नॉमिनेशन फॉर्म भरा न होने के कारण उन्हें बीमा या अन्य तरह के लाभ लेने में दिक्कत आती है. अगर किसी कारणवश खाताधारक की मौत हो जाती है तो उन्हें भविष्य निधि कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. तमाम दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने में भी समस्या आती है.

PF अकाउंटहोल्डर्स! तुरंत करा लें ई-नॉमिनेशन वर्ना इंश्योरेंस और पेंशन का लाभ लेने में होगी परेशानी

PF Nomination के लिए अंशधारक ऑनलाइन अपडेट करें जानकारी

नई दिल्ली:

केंद्रीय भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने खाताधारकों के लिए ई-नॉमिनेशन (E Nomination) को अनिवार्य कर दिया है. अगर पीएफ खाताधारक ई-नॉमिनेशन करते हैं तो अंशधारक की मौत पर  बीमा योजना (Employees Deposit Linked Insurance Scheme) का तत्काल लाभ मिल सकेगा. इसके लिए नामितों को बाद में किसी तरह का झंझट नहीं उठाना पड़ेगा. साथ ही सेवानिवृत्ति के समय पेंशन का लाभ आसानी से अंशधारक को मिल सकेगा. उन्हें भविष्यनिधि कार्यालय का चक्कर लगाने और तमाम दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी.

केंद्रीय भविष्य निधि संगठन की ओर से एक बयान में कहा गया है कि अगर अंशधारक ऑनलाइन नॉमिनेशन कराते हैं तो उन्हें बाद में एनओसी लेने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी. EPFO की ओर से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को इस बाबत सर्कुलर भी जारी कर दिया है. इसमें सभी अंशधारकों को ईपीएफओ के मेंबर पोर्टल (EPFO Portal) पर लॉगइन करके मैनेज पेज के जरिये नामितों की जानकारी भरनी या अपडेट करनी होगी.

ई नॉमिनेशन के जरिये खाताधारक सदस्य नामितों में बदलाव भी कर सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि ई नॉमिनेशन के लिए अंशधारक खुद ही सत्यापन कर सकेंगे.इधर-उधर भागने की जरूरत नहीं होगी. ईपीएफओ अंशधारक (PF Subscribers) की मौत पर कर्मचारी के परिवार को 7 लाख रुपये तक के जीवन बीमा का लाभ देता है. ऐसे में अगर नॉमिनेशन के डिटेल पूरे होते हैं तो बाद में किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़ती है. इंप्लाइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम का लाभ तत्काल मिल गया. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

अक्सर ऐसा देखा गया है कि पीएफ अंशधारक का नॉमिनेशन फॉर्म भरा न होने के कारण उन्हें बीमा या अन्य तरह के लाभ लेने में दिक्कत आती है. अगर किसी कारणवश खाताधारक की मौत हो जाती है तो उन्हें भविष्य निधि कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. तमाम दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने में भी समस्या आती है.