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Old vs New Tax Regime: ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों हो सकता है आपके लिए ज्यादा फायदेमंद? जानें वजह

Old Tax Regime vs New Tax Regime:अगर आप टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं, होम लोन भरते हैं या आपकी सैलरी में छूट वाले कंपोनेंट ज्यादा हैं, तो ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यादा फायदे का सौदा है.

Old vs New Tax Regime: ओल्ड टैक्स रिजीम क्यों हो सकता है आपके लिए ज्यादा फायदेमंद? जानें वजह
Old Tax Regime Slabs For FY 2024-25: ओल्ड टैक्स रिजीम उन टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर है जो प्लानिंग के साथ इन्वेस्टमेंट करना पसंद करते हैं.
नई दिल्ली:

Old vs New Tax Regime: अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर साल टैक्स को लेकर सोचते हैं कि ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) चुनें या न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime), तो यह खबर आपके काम की है. सरकार ने साल 2020 से न्यू टैक्स रिजीम लागू किया, जिसमें कम टैक्स रेट्स हैं लेकिन ज्यादा छूट नहीं मिलती. वहीं, ओल्ड टैक्स रिजीम में आपको टैक्स छूट (income tax exemptions) और टैक्स सेविंग (Tax Saving) का पूरा फायदा मिलता है.

ऐसे में जिन टैक्सपेयर्स की टैक्स प्लानिंग (Tax planning tips) पहले से बनी हुई है, उनके लिए ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime Benefits) आज भी बेहतर ऑप्शन हो सकता है.

1. अगर आप ज्यादातर टैक्स छूट और सेविंग क्लेम करते हैं

अगर आप सेक्शन 80C के तहत कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), LIC प्रीमियम, होम लोन का प्रिंसिपल या इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) जैसे निवेश करते हैं, तो ओल्ड टैक्स रिजीम में 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है. इसके अलावा सेक्शन 80D (हेल्थ इंश्योरेंस), सेक्शन 24(b) (होम लोन का ब्याज) और HRA जैसे अलाउंस भी टैक्स छूट में शामिल होते हैं. अगर आप इन सभी का फायदा ले रहे हैं, तो न्यू टैक्स रिजीम में जाने से आपका टैक्स बढ़ सकता है.

2. अगर आपके पास होम लोन है या आप किराए के घर में रहते हैं

होम लोन लेने वालों को ओल्ड टैक्स रिजीम में बड़ा फायदा मिलता है. आप 2 लाख रुपये तक ब्याज पर छूट ले सकते हैं और प्रिंसिपल अमाउंट को 80C में क्लेम कर सकते हैं. वहीं, किराए पर रहने वाले लोग HRA अलाउंस का फायदा उठा सकते हैं. ये सभी छूट न्यू टैक्स रिजीम में नहीं मिलतीं.

3. जब आपकी सैलरी में अलाउंस और एक्सेम्प्शन शामिल हों

ज्यादातर सैलरीड लोगों को HRA, LTA (लीव ट्रैवल अलाउंस), कन्‍वेयंस अलाउंस और प्रोफेशनल टैक्स जैसे अलाउंस मिलते हैं. ये ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्सेबल इनकम को कम करते हैं. लेकिन न्यू टैक्स रिजीम में इन पर कोई छूट नहीं मिलती, जिससे आपका टैक्स ज्यादा हो सकता है.

4. जब आप टैक्स प्लानिंग में फ्रीडम और फ्लेक्सिबिलिटी चाहते हैं

ओल्ड टैक्स रिजीम उन टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर है जो प्लानिंग के साथ इन्वेस्टमेंट करना पसंद करते हैं. इसमें आप PPF, ELSS, NPS जैसे लॉन्ग टर्म टूल्स के जरिए टैक्स भी बचा सकते हैं और फाइनेंशियल प्लान भी बना सकते हैं. वहीं, न्यू टैक्स रिजीम सिंपल जरूर है, लेकिन इसमें टैक्स सेविंग का कोई इंसेंटिव नहीं मिलता.

ओल्ड टैक्स रिजीम है फायदे का सौदा?

न्यू टैक्स रिजीम की सादगी और कम रेट्स भले ही आकर्षक लगें, लेकिन अगर आप टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं, होम लोन भरते हैं या आपकी सैलरी में छूट वाले कंपोनेंट ज्यादा हैं, तो ओल्ड टैक्स रिजीम ज्यादा फायदे का सौदा है. आपने लिए सही ऑप्शन चुनने से पहले एक बार पूरा कैलकुलेशन जरूर करें.

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