
रिटायरमेंट की प्लानिंग (Retirement Planning) आज के समय में हर किसी के लिए जरूरी हो गई है. लेकिन सच यह है कि ज्यादातर लोग इस पर तब ध्यान देते हैं जब रिटायरमेंट करीब होता है या टैक्स भरने का समय आता है. जबकि असली फायदा तभी मिलता है जब आप इसकी शुरुआत समय रहते करते हैं.रिटायरमेंट के लिए कुछ सबसे भरोसेमंद और पॉपुलर विकल्प हैं नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS), पब्लिक प्रोविडेंट फं(PPF) और कर्मचारी भविष्य निधि (EPF).
इन तीनों में सरकारी भरोसा, टैक्स बेनिफिट और लॉन्ग टर्म सेविंग का मौका है, लेकिन जब बात आती है रिटर्न, फ्लैक्सिबिलिटी और पैसे की जरूरत पर निकालने की सुविधा की, तो इन तीनों में बड़ा फर्क दिखता है.
EPF: नौकरीपेशा के लिए सबसे आसान और भरोसेमंद विकल्प
अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो EPF (Employee Provident Fund) आपके लिए ऑटोमैटिक बचत प्लान है. हर महीने आपकी सैलरी से कुछ हिस्सा कटता है और उतनी ही राशि आपका एम्प्लॉयर भी जोड़ता है.फिलहाल इस पर 8.25 फीसदी ब्याज मिल रहा है, जिसे सरकार हर साल तय करती है.इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें आपको अलग से कुछ नहीं करना होता पैसा खुद-ब-खुद जमा होता रहता है.रिटायरमेंट के अलावा आप इसे घर खरीदने, मेडिकल जरूरत या इमरजेंसी में भी निकाल सकते हैं. यानी नौकरीपेशा लोगों के लिए ये रिटायरमेंट की मजबूत नींव है.
PPF: सुरक्षित और टैक्स-फ्री रिटर्न देने वाला प्लान
अगर आप सेल्फ-एम्प्लॉइड हैं या EPF के साथ और बचत जोड़ना चाहते हैं, तो PPF (Public Provident Fund) एक बढ़िया विकल्प है.यह 15 साल की लंबी अवधि का निवेश है, जो धीरे-धीरे एक बड़ी रकम तैयार करता है. अभी PPF पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है, जिसे सरकार हर तिमाही में अपडेट करती है.इसकी खासियत ये है कि ब्याज और मैच्योरिटी की रकम पूरी तरह टैक्स-फ्री होती है.सातवें साल से आप जरूरत पड़ने पर कुछ रकम निकाल भी सकते हैं.जो लोग रिस्क नहीं लेना चाहते और सिर्फ सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, उनके लिए PPF एक परफेक्ट विकल्प है.
NPS: ज्यादा रिटर्न और ग्रोथ का मौका, लेकिन बाजार से जुड़ा रिस्क
अब बात करते हैं NPS (National Pension System) की, जो बाकी दोनों से थोड़ा अलग है क्योंकि ये मार्केट-लिंक्ड स्कीम है.इसमें आपका पैसा इक्विटी (शेयर मार्केट), कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश होता है.इसलिए इसमें रिटर्न 8% से 12% तक हो सकता है, लेकिन यह तय नहीं रहता. रिटायरमेंट पर आप अपनी जमा रकम का 60% हिस्सा टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं, जबकि बाकी 40% एन्युटी में डालना होता है, जिससे आपको हर महीने पेंशन मिलती है.इसका फायदा है हाई ग्रोथ की संभावना, लेकिन नुकसान ये कि इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का असर भी पड़ता है.
NPS, PPF या EPF में किसे चुनें ?
अब सवाल उठता है कि इनमें से सबसे अच्छा कौन है? अगर आप स्टेबिलिटी और गारंटी वाले रिटर्न चाहते हैं, तो EPF और PPF दोनों आपके लिए सही रहेंगे.नौकरीपेशा लोगों के लिए EPF बेसिक रिटायरमेंट फंड का काम करता है, वहीं PPF इसके साथ एक्स्ट्रा सिक्योरिटी जोड़ देता है.दूसरी ओर, अगर आप लॉन्ग-टर्म में ज्यादा रिटर्न और ग्रोथ का मौका चाहते हैं, तो NPS चुन सकते हैं.
सही बैलेंस बनाना है समझदारी
एक ही स्कीम पर निर्भर रहने के बजाय आप तीनों स्कीम्स में बैलेंस बनाकर भी निवेश कर सकते हैं.EPF से बेसिक सेविंग, PPF से सिक्योर रिटर्न और NPS से हाई ग्रोथ पाकर आप अपने रिटायरमेंट को पूरी तरह सुरक्षित बना सकते हैं.याद रखें, रिटायरमेंट की तैयारी किसी एक दिन का काम नहीं है यह एक लॉन्ग-टर्म प्लानिंग है, जिसे जितना जल्दी शुरू करेंगे, उतना बेहतर रिजल्ट मिलेगा.
EPF, PPF और NPS तीनों स्कीम्स अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं, बस आपको अपनी आय, जोखिम लेने की क्षमता और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से चुनाव करना है. अगर आपने अभी तक शुरुआत नहीं की है, तो आज ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू करें.
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