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NPS की नई गाइडलाइन जारी, OPS जैसा प्रोसेस अपनाने का निर्देश, अब नहीं होगी पेंशन में देरी

New NPS Rule: लंबे समय से पेंशन अप्रूवल में देरी रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन रही थी. CPAO के नए नियमों के मुताबिक NPS के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन प्रोसेसिंग को OPS की प्रोसेस के समान बनाया जाएगा.

NPS की नई गाइडलाइन जारी, OPS जैसा प्रोसेस अपनाने का निर्देश, अब नहीं होगी पेंशन में देरी
सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS और NPS के बीच का अंतर हमेशा से चर्चा का विषय रहा है.
नई दिल्ली:

NPS New Rule: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के रिटायर हो चुके कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिले, इसके लिए सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.  12 मार्च, 2025 को इश्यू किए गए एक ऑफिस मेमोरेंडम में, CPAO ने संबंधित अधिकारियों को याद दिलाया है कि NPS पेंशन मामलों को OPS (Old Pension Scheme) की तरह ही प्रोसेस किया जाना चाहिए, जैसा कि पहले भी 18 दिसंबर, 2023 को निर्देश दिया गया था.

हालांकि पहले भी स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, लेकिन CPAO ने पाया कि कुछ वेतन और लेखा कार्यालय अभी भी पेंशन मामलों के लिए गाइडलाइंस को फॉलो नहीं कर रहे हैं. खासतौर पर, जहां केवल दो PPO बुकलेट सबमिट की जानी चाहिए, कुछ कार्यालय अभी भी पुरानी प्रक्रिया के तहत तीन कॉपियों के साथ प्रोविजनल PPO सबमिट कर रहे हैं. जिसकी वजह से पेंशन को प्रोसेस करने में अनावश्यक देरी हो रही है.

पेंशन डिस्बर्समेंट को स्ट्रीमलाइन करने के लिए, CPAO ने सभी संबंधित अधिकारियों, प्रिंसिपल CCA, CCA, AG और ऑथोराइज बैंक CPPC से गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने की अपील की है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि रिटायर्ड लोगों को समय पर और बिना किसी रुकावट के उनकी पेंशन मिलती रहे.

सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS और NPS के बीच का अंतर हमेशा से चर्चा का विषय रहा है. बता दें कि जनवरी 2004 में केंद्र सरकार ने OPS को बंद कर दिया था और इसकी जगह नेशनस पेंशन सिस्टम (National Pension System) लागू किया था. हालांकि, कई राज्यों ने ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी प्रतिनिधि निकायों द्वारा नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के खिलाफ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बाद इसे फिर से शुरू किया था.

कर्मचारी यूनियन OPS को बहाल करने की कर रहे मांग

अब जब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) की घोषणा की गई है और इसे इस साल 1 अप्रैल से लागू किया जाना है, तो कई कर्मचारी यूनियन, केंद्र से OPS को बहाल करने की मांग कर रहे हैं.

OPS और NPS के बीच अंतर

  • OPS के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक फिक्स्ड मंथली पेंशन मिलती थी, जो उनके आखिरी सैलरी का एक निश्चित हिस्सा होती थी. इसमें सरकार पेंशन की पूरी गारंटी देती थी, जिससे रिटायरमेंट के बाद लोगों को फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलती थी.
  • दूसरी ओर, NPS एक कॉन्ट्रीब्यूशन बेस्ड स्कीम है, जिसमें कर्मचारी और कंपनी दोनों एक फिक्स्ड अमाउंट इन्वेस्ट करते हैं. पेंशन का अमाउंट पूरी तरह से मार्केट के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है, यानी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम तय नहीं होती है. इस वजह से कई रिटायर्ड कर्मचारी इसे लेकर असमंजस में हैं.

अब CPAO ने नई गाइडलाइन जारी कर NPS पेंशन प्रोसेसिंग को आसान बनाने की पहल की है. लंबे समय से पेंशन अप्रूवल में देरी रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बन रही थी. CPAO के नए नियमों के मुताबिक NPS के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन प्रोसेसिंग को OPS की प्रोसेस के समान बनाया जाएगा. इससे न केवल पेंशन डिसबर्समेंट फास्ट और ट्रांसपेरेंट होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि NPS बेनिफिशियरी को समय पर और बिना किसी परेशानी के उनको पेंशन मिलती रहे.

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