
- म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने से पहले अपने टारगेट सेट करना जरूरी होता है
- इक्विटी फंड में हाई रिस्क के साथ बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है जबकि डेट फंड सेफ होते हैं
- डायरेक्ट प्लान चुनने से निवेशकों को कम खर्चा और लंबे समय में बेहतर रिटर्न मिलता है
Mutual Funds Special: आज के आधुनिक समय में म्यूचुअल फंड निवेश का सबसे फेमस और सरल तरीका बन गया है. अगर आप पहली बार निवेश करने की शुरुआत कर रहे हैं, तो हो सकता है आपको मार्केट के शब्द और विकल्पों को समझना थोड़ा मुश्किल लगे. इसलिए सही शुरुआत के लिए हम आपको इस खबर में 5 जरूरी बातें बताते हैं, जिन्हें हर नए निवेशक को गांठ बांध लेना चाहिए.
टारगेट सेट करें
निवेश शुरू करने से पहले खुद से पूछें कि आप निवेश क्यों कर रहे हैं? अगर आपका टारगेट 3 साल बाद कार खरीदना है, तो कम रिस्क वाले डेट फंड या हाइब्रिड फंड बेहतर हैं. अगर आपका टारगेट बड़ा है, जैसे बच्चे की पढ़ाई या फिर शादी तो इक्विटी फंड बेहतर हो सकते हैं, क्योंकि इनमें रिस्क तो ज्यादा होता है पर रिटर्न भी ज्यादा मिलता है.
रिस्क का गणित समझें
- इक्विटी फंड में सबसे ज्यादा रिस्क होता है, लेकिन रिटर्न भी सबसे ज्यादा मिलने के चांस होते हैं.
- डेट फंड के जरिए सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं, इसलिए इनमें जोखिम कम होता है. हालांकि यह बैंक FD से थोड़ा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.
- हाइब्रिड फंड को इक्विटी और डेट दोनों का मिक्स कह सकते हैं, जिससे जोखिम और रिटर्न का बैलेंस बना रहता है.
डायरेक्ट या रेगुलर प्लान
निवेशक डायरेक्ट प्लान चुनने की कोशिश करें. डायरेक्ट प्लान में फंड हाउस सीधे आपको यूनिट्स बेचता है, जिससे डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन का मामला खत्म हो जाता है. वहीं, इसका एक्सपेंस रेश्यो भी कम होता है. यानी लंबे समय में यह कम खर्चा आपके पोर्टफोलियो में 20% से 30% तक एक्सट्रा रिटर्न जोड़ सकता है.
फंड मैनेजर की ताकत
म्यूचुअल फंड में आपका पैसा एक फंड मैनेजर संभालता है. यही मैनेजर तय करता है कि किस स्टॉक को कब खरीदना या बेचना है. इससे नए निवेशकों को यह चिंता नहीं करनी पड़ती कि उन्हें कब बाजार में उतरना है. आपका काम सिर्फ लगातार निवेश करते रहना है.
SIP या लम्पसम: क्या चुनें?
बेस | SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) | Lumpsum (एकमुश्त निवेश) |
नए निवेशक | सबसे अच्छा ऑप्शन | बाजार के जोखिम को नहीं समझ पाएंगे |
किसके लिए? | वेतनभोगी, रेगूलर इनकम वालों के लिए | अनुभवी निवेशकों के लिए |
आदत | निवेश की आदत बनती है | एक बार निवेश होता है |
शुरुआती निवेश का अमाउंट | छोटे अमाउंट से शुरुआत | बड़े अमाउंट की जरूरत |
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