नौकरीपेशा लोगों और उन सभी लोगों के लिए आयकर रिटर्न, यानी ITR या इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return E-Filing) दाखिल करने की आखिरी तारीख गुज़र चुकी है, जिन्हें ऑडिट की ज़रूरत नहीं होती. 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 के बीच के वक्फ़े को वित्तवर्ष 2023-24 (FY2023-24) कहा जाता है, और इसकी ITR आकलन वर्ष 2024-25 (AY2024-25) के दौरान 31 जुलाई तक भरना ज़रूरी होता है.
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लेकिन कई बार कुछ परेशानियों के चलते या जानकारी के अभाव में बहुत-से करदाता, यानी टैक्सपेयर ITR समय रहते फ़ाइल नहीं कर पाते हैं. सो, अगर आप भी उन्हीं टैक्सपेयरों में शामिल हैं, तो यह ख़बर आप ही के लिए है. जी हां, 31 जुलाई के बाद भी ITR को 31 दिसंबर, 2024 तक फ़ाइल (Belated ITR Filing) किया जा सकता है, हालांकि अब आपको उसके लिए कुछ जुर्माना अदा करना होगा.
सालाना आय के मुताबिक तय होती है जुर्माने की रकम
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने Belated ITR, यानी बिलेटेड आईटीआर के लिए जुर्माने की रकम को दो वर्गों में बांटा है.
- जिन करदाताओं की टैक्सेबल इनकम, यानी करयोग्य आय ₹5,00,000 से कम होती है, उन्हें Belated ITR के लिए ₹1,000 का जुर्माना अदा करना होता है.
- जिन करदाताओं की टैक्सेबल इनकम, यानी करयोग्य आय ₹5,00,000 से अधिक होती है, उन्हें Belated ITR के लिए ₹5,000 का जुर्माना अदा करना होता है.
वैसे, जिन करदाताओं की टैक्सेबल इनकम, यानी करयोग्य आय ₹2,50,000 से कम होती है, उनसे Belated ITR के लिए कोई जुर्माना वसूल नहीं किया जाता है.
Belated ITR के लिए जुर्माना ही नहीं, ब्याज भी देना होगा
अगर आपने समय रहते ITR फ़ाइल नहीं किया था, यानी आपको 31 जुलाई के बाद ITR फ़ाइल करना याद आया है, तो जुर्माने के साथ-साथ आपको उस रकम पर ब्याज भी अदा करना होगा, जो आपका बकाया टैक्स होगी. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234A के तहत देय रकम पर देरी के हर माह के लिए 1 फ़ीसदी ब्य़ाज वसूला जाता है. यानी अगर आप अक्टूबर में रिटर्न फ़ाइल कर रहे हैं, तो 31 जुलाई के बाद अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के लिए देय रकम पर तीन माह का 3 फ़ीसदी ब्याज अदा करना होगा.
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