
ट्रेनों में बेडरोल में अब बेडशीट, पिलो कवर और तौलिये के साथ यात्रियों को एक और चीज मिलने वाली है, वो है कंबल का कवर. अक्सर यात्रियों को शिकायत रहती है कि उन्हें चादर और तकिये का कवर तो नया मिल जाता है, लेकिन कंबल किसी अन्य यात्री का इस्तेमाल किया हुआ ही ओढ़ना पड़ता है. अब ऐसा नहीं होगा. उन्हें पिलो कवर की तरह कंबल का भी नया कवर मिलेगा. हालांकि फिलहाल इस सेवा की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जयपुर-अहमदाबाद (असारवा) एक्सप्रेस ट्रेन में की गई है, लेकिन आने वाले समय में अन्य ट्रेनों में भी ये सेवा दी जाएगी.
रेल मंत्री ने की सेवा की शुरुआत
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को जयपुर के खातीपुरा रेलवे स्टेशन पर पारंपरिक सांगानेरी प्रिंट वाले कंबल कवर सेवा की शुरुआत की. इस पायलट प्रोजेक्ट के पहले दिन रात 8:45 बजे चलने वाली जयपुर-अहमदाबाद (असारवा) एक्सप्रेस के वातानुकूलित (AC) कोच में यात्रा कर रहे यात्रियों को नए कंबल कवर के पैकेट दिए गए, जो यात्री सुविधा और स्वच्छता की दिशा में एक कदम है. उन्होंने बताया कि रेलवे ने कंबलों को लेकर यात्रियों की शिकायतों को दूर करने के लिए बड़ा फैसला किया है. अब ट्रेनों में यात्रियों को कंबल के साथ कवर भी मिलेंगे. फिलहाल इसे पायलट आधार पर शुरू किया गया है.

रेलवे ने ट्रेनों में शुरू की कंबल कवर की सुविधा
Photo Credit: IANS/PIB/FB
अन्य ट्रेनों में भी मिलेगी सेवा
मीडिया से बातचीत करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमारे रेलवे सिस्टम में कंबल का उपयोग वर्षों से होता आ रहा है, लेकिन हमारे यात्रियों के मन में हमेशा एक संशय रहता था. उस संशय को दूर करने के लिए आज एक नई पहल की गई है, जिसके तहत अब ट्रेनों में कंबल के साथ कवर भी दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल इसे पायलट आधार पर शुरू किया गया है, जिसके तहत केवल जयपुर से चलने वाली एक गाड़ी में यात्रियों को कंबल के साथ कवर भी दिए गए हैं. पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के आधार पर ही इस पहल को अन्य ट्रेनों में आगे बढ़ाया जाएगा.
कई अन्य यात्री सुविधाओं का विस्तार
केंद्रीय मंत्री ने उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत 65 छोटे और मध्यम स्टेशनों पर नये प्लेटफॉर्म, प्लेटफॉर्म अपग्रेडेशन और विस्तार के साथ-साथ इंटीग्रेटेड यात्री सूचना प्रणाली का लोकार्पण भी किया. उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे स्टेशनों पर भी सुविधाएं बढ़ी हैं. प्लेटफार्म की हाइट, उसकी लेंथ, प्लेटफार्म पर कवर आदि को लेकर काम किया गया है. पैसेंजर्स की इन्फॉर्मेशन के लिए साइन बोर्ड लग रहे हैं. राजस्थान के करीब 65 स्टेशनों पर यह सब चीजें लगी हैं.
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