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लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर कितना लगता है GST? नितिन गडकरी ने इनपर टैक्स हटाने की रखी मांग

GST On Health Insurance: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर होता है. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 1 जुलाई 2017 में  लागू किए गए जीएसटी ने देश के टैक्स सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है.

लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर कितना लगता है GST? नितिन गडकरी ने इनपर टैक्स हटाने की रखी मांग
GST On Life and Health Insurance: नियमों के मुताबिक, लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के लिए जीएसटी कुल प्रीमियम पर लागू किया जाता है.
नई दिल्ली:

आज के समय में शायद ही ऐसा कोई होगा जो लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) यानी जीवन बीमा और मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) यानी इलाज का बीमा से अनजान हो. नियमित अंतराल पर तय प्रीमियम जमा करने के इसके जरिए हमें लाइफ और हेल्थ का इंश्योरेंस कवर मिलता है. सरकार की ओर से इस पर टैक्स (Tax) भी लगाया जाता है क्योंकि सरकारी तौर पर इसे फाइनेंशियल सर्विस माना जाता है. इसलिए दोनों ही तरह का इंश्योरेंस जीएसटी (GST) के दायरे में आता है.आइए, जानते हैं कि जीएसटी क्या है और लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर कितना टैक्स (GST on Life and Medical Insurance) लगता है.

क्या होता है वस्तु एवं सेवा कर (GST)? 

वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी (GST) एक अप्रत्यक्ष कर होता है. केंद्र में मोदी सरकार (Modi Government) के पहले कार्यकाल में 1 जुलाई 2017 में  लागू किए गए जीएसटी ने देश के टैक्स सिस्टम (Tax System) में बड़ा बदलाव किया है. इसके आने के बाद से पूरे देश में अलग-अलग टैक्स के बदले एक ही टैक्स लगाया जाता है. बीमा या इंश्योरेंस को भी इसमें शामिल किया जाता है. हालांकि, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 28 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगाए जाने वाले GST को वापस लेने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा, "जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाता है. जीवन बीमा प्रीमियम पर GST लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने जैसा है."

लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी

मौजूदा नियमों के मुताबिक, टर्म या लाइफ इंश्योरेंस और मेडिकल इंश्योरेंस दोनों पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. जीएसटी से पहले इन दोनों इंश्योरेंस पर 15 फीसदी टैक्स लगता था. इसका मतलब दोनों इंश्योरेंस पर टैक्स में 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसका सीधा असर इंश्योरेंस पॉलिसियों के प्रीमियम पर पड़ा और उसकी कीमतें बढ़ गईं. हालांकि, टैक्स में छूट की सुविधा की बात कहकर जीएसटी के पक्ष में दलीलें दी जाती है. आइए, कुल प्रीमियम लागत में बढ़ोतरी और टैक्स छूट का गणित भी समझने की कोशिश करते हैं.

5 लाख रुपये कवरेज वाली लाइफ या मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी कितना महंगा

लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस के लिए जीएसटी कुल प्रीमियम पर लागू किया जाता है. अगर आप 5 लाख रुपये कवरेज वाली लाइफ या मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं तो इसकी प्रीमियम लागत करीब 11,000 रुपये साल होती है. इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के बाद कैलकुलेशन करें तो 11000+100 + 18 फीसदी यानी आपको हर प्रीमियम पर आपको 1980 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होता है. जीएसटी के बाद आपका प्रीमियम 11000 से बढ़कर 12,980 रुपये हो जाता है.

लाइफ या मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर  टैक्स छूट का लाभ

लाइफ या मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बाद टैक्स में छूट का लाभ मिल जाता है. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 80C और 80D के तहत टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है. विशिष्ट बीमा योजनाओं के तहत इंश्योरेंस की अपनी कुल प्रीमियम राशि के लिए टैक्स कटौती का क्लेम करने की सुविधा दी जाती है. साल में जितने भी इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान किया है, उस पर आप 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठाया जा सकता है.
 

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