इंडिगो की फ्लाइट्स रद्द होने की वजह से देश के कई एयरपोर्ट्स पर पैसेंजर्स तमाम दिक्कतें झेल रहे हैं. इन्हीं में से एक बड़ी दिक्कत लगेज खोने की भी है. नई दिल्ली एयरपोर्ट समेत कई एयरपोर्ट्स पर लोग सामान खोने की शिकायत करते दिखे हैं. इस परेशानी को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने एयरलाइंस के लिए कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं. यदि किसी यात्री का बैगेज खो गया है, एयरपोर्ट पर रह गया है या यात्रा के दौरान मिसमैच हो गया है, तो उसे 48 घंटे के भीतर हर हाल में ग्राहक तक पहुंचाने को कहा गया है.
यात्रियों से संपर्क कर सामान घर पहुंचाएगी एयरलाइन
मंत्रालय ने साफ कहा है कि एयरलाइंस को यात्रियों को खुद कॉल कर संपर्क करना होगा, लोकेशन कन्फर्म करनी होगी और सामान सीधे घर तक डिलीवर करना पड़ेगा. मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि बैगेज डिलीवरी में देरी होने पर तत्काल नियामकीय कार्रवाई की जाएगी. नए नियमों से यात्रियों को अब यह भरोसा मिलेगा कि खोया सामान समय पर उनके घर पहुंचेगा. मंत्रालय का ये कदम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
नई दिल्ली एयरपोर्ट पर 'सूटकेसों का सैलाब'

यात्रियों के हित में MoCA के कड़े निर्देश
मंत्रालय ने कहा है कि उड़ान कैंसिल या बाधित होने पर एयरलाइन ही होटल, भोजन और वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करे. इसके लिए 24×7 हेल्पलाइन सक्रिय कर दी गई है. मंत्रालय ने बैगेज के अलावा रिफंड पर भी सख्त रुख अपनाया है. इंडिगो को विशेष रूप से निर्देश दिए गए हैं कि 7 दिसंबर शाम 8 बजे तक सभी लंबित रिफंड जारी किए जाएं. चेतावनी दी गई है कि ऐसा न होने पर जांच और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. यात्रा प्रभावित होने पर अब यात्रियों से किसी भी प्रकार का रीशेड्यूलिंग चार्ज नहीं लिया जाएगा.
सभी एयरलाइनों को सख्ती से निर्देश दिया गया है कि ये नियम तब तक लागू रहेंगे जब तक स्थिति सामान्य न हो जाए. इसका उद्देश्य संकट के समय यात्रियों को उनकी जेब पर बढ़े बोझ से बचाना है.
खोया लगेज पाने की सामान्य प्रक्रिया क्या है?
लगेज खोने की स्थिति में जो निर्देश दिए गए हैं, वे मौजूदा स्थिति के लिए हैं. सामान्य दिनों में भी लगेज के प्रति एयरलाइन्स की जिम्मेदारी होती है. नियमों के अनुसार, बैग मिसिंग होते ही यात्री को एयरपोर्ट से बाहर निकले बिना एयरलाइन के लॉस्ट एंड फाउंड/बैगेज सर्विस काउंटर पर जाकर PIR (Property Irregularity Report) दर्ज करानी होती है. यही रिपोर्ट पूरा क्लेम और ट्रेसिंग प्रोसेस की वैधता तय करती है. इसमें बोर्डिंग पास, बैगेज टैग और बैग का पूरा विवरण देना जरूरी होता है.
लॉस्ट माने जाने के बाद शुरू होती है मुआवजा प्रक्रिया
21 दिनों तक बैग डिलेड या मिसिंग कैटगरी में रहता है. इसके बाद उसे लॉस्ट बैगेज माना जाता है और इसके बाद मुआवजा की प्रक्रिया शुरू होती है. घरेलू उड़ानों में डीजीसीए नियमों के तहत भरपाई सीमा आमतौर पर लगभग 20,000 रुपये तक है, अगर आपने बैग की वैल्यू पहले से डिक्लेयर नहीं की थी.
इंटरनेशनल या मोंट्रियाल कन्वेंशन‑कवर्ड उड़ानों में ये लिमिट लगभग 1,131 SDR (Special Drawing Rights) प्रति पैसेंजर तक हो सकती है. असल अमाउंट उस दिन की रेट के हिसाब से तय होता है. अगर आपने चेक‑इन पर बैग की वैल्यू लिखकर एक्सट्रा फीस दी है, तो मुआवजा उस डिक्लेयर वैल्यू तक बढ़ सकता है.
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