सोने के उछाल और चांदी की चाल पर इन दिनों सबकी नजर है. सोना तो अपने उफान पर है ही, चांदी ने भी काफी तेज रफ्तार भरी है. खासतौर पर पिछले कुछ महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिली है. हाल में अच्छी खासी प्रॉफिट बुकिंग भी देखी गई है. हालांकि इसके बावजूद गोल्ड-सिल्वर की कीमतों का बुलिश रुझान अभी भी बरकरार है. आज 15 दिसंबर, सोमवार को स्थानीय मार्केट में सोने का भाव 1.34 लाख रुपये/10 ग्राम के करीब चल रहा है, जबकि चांदी 1.98 लाख रुपये/किलो के आसपास है. IBJA यानी इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, शुक्रवार की शाम 24 कैरेट गोल्ड 1,32,710 रुपये/10 ग्राम के करीब था.
सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव फिलहाल 1,33,900 रुपये/10 ग्राम के करीब चल रहा है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव 1,22,740 रुपये/10 ग्राम के करीब है. वहीं चांदी 1,97,900 रुपये/किलो के करीब बताया गया है.
सोने और चांदी की चाल
एक ओर जहां गोल्ड मुख्य प्रतिरोध (रेजिस्टेंस) स्तरों के पास मजबूत बना हुआ है, वहीं चांदी ने रिकॉर्ड हाई स्तर छूने के बाद थोड़ी गिरावट देखी है. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में वैश्विक संकेतों, ब्याज दरों और सुरक्षित निवेश की मांग से बाजार को नई दिशा मिलेगी.

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतें फिलहाल महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस लेवल के नीचे स्थिर हैं, जो कुल मिलाकर पॉजिटिव ट्रेंड दर्शाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने को 1,32,000 से 1,31,000 रुपये के स्तर के आसपास सपोर्ट मिल रहा है. अगर कीमतें 1,35,000 रुपये के ऊपर जाती हैं, तो कमजोर रुपये और सुरक्षित निवेश की मांग के चलते गोल्ड 1,37,000 रुपये से 1,40,000 रुपये तक पहुंच सकता है.
वहीं चांदी ने 2 लाख रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर तक पहुंचने के बाद तेजी से गिरावट देखी है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट प्रॉफिट बुकिंग और अल्पकालिक नरमी को दर्शाती है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि चांदी का बुलिश रुझान तब तक बरकरार रहेगा, जब तक उसकी कीमतें महत्वपूर्ण सपोर्ट क्षेत्रों से ऊपर बनी रहती हैं.

कहां तक जा सकता है चांदी?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चांदी के लिए मजबूत टेक्निकल सपोर्ट 1,80,000 से 1,81,000 रुपये के स्तर के आसपास है. अगर बिकवाली का दबाव बढ़ता है, तो यह स्तर और नीचे जा सकता है. निकट भविष्य में चांदी के लिए रेजिस्टेंस लेवल 1,95,000 से 2,00,000 रुपये प्रति किलो के बीच देखा जा रहा है. अगर चांदी इस स्तर से ऊपर जाती है, तो यह फिर से नए उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती है, लेकिन अगर यह 1,90,000 रुपये से नीचे गिरती है, तो इनमें और गिरावट आ सकती है.
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि चांदी का दीर्घकालिक रुझान सकारात्मक है, क्योंकि उद्योगों से मजबूत मांग बढ़ रही है, खासकर सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और उन्नत निर्माण क्षेत्रों से. इसके अलावा, वैश्विक आपूर्ति में कमी भी इसका समर्थन कर रही है. एक्सपर्ट्स ने यह सुझाव दिया है कि कीमतों में कोई भी गिरावट दीर्घकालिक निवेशकों के लिए खरीदारी के अच्छे अवसर प्रदान कर सकती है.
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