
Gold Gift on Diwali 2025: दिवाली खुशियों, समृद्धि और तोहफों का त्योहार है. इस समय परिवार और दोस्तों में मिठाई और सोने-चांदी के गिफ्टों का आदान-प्रदान एक पुरानी परंपरा है. अगर आपको इस दिवाली पर सोने का कोई तोहफा मिलता है, तो आपको आयकर इनकम टैक्स से जुड़े नियमों को जानना जरूरी है, ताकि आपकी खुशियों पर कोई टैक्स की चिंता न आए.
क्या कहता है इनकम टैक्स का 56(2)(x) सेक्शन
बता दें भारत में गिफ्ट पर इनकम टैक्स 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. इसमें सोना, आभूषण, शेयर और रियल एस्टेट जैसे एसेस्ट्स शामिल हैं, जिन्हें एक फिक्स लिमिट से ज्यादा होने पर 'दूसरे सोर्स से आय' (Income from Other Sources) के रूप में टैक्सेबल माना जाता है.
सोने के गिफ्ट पर नियम
सोने के गिफ्ट पर टैक्स लगेगा या नहीं, यह इस बात पर डिपेंड करता है कि गिफ्ट देने वाला कौन है और इसकी कीमत कितनी है.
रिश्तेदारों से मिले सोने की गिफ्ट पर टैक्स
अगर आपको अपने करीबी रिश्तेदारों से सोने का गिफ्ट मिलता है, तो यह पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है, भले ही उसकी कीमत कितनी भी हो. करीबी रिश्तेदारों में शामिल हैं, आपके माता-पिता, पति/पत्नी, भाई-बहन, सास-ससुर, या जो आपसे पहले आए, या जो आपके बाद पैदा हुए हैं. इन पारिवारिक सदस्यों से दिवाली पर मिला सोने का उपहार पूरी तरह से टैक्स-फ्री होता है.
दोस्तों या नॉन रिलेटिव से मिला सोना
यदि आपको दोस्तों या नॉन रिलेटिव से सोने का गिफ्ट मिलता है, तो यह टैक्सेबल हो सकता है. सोना तभी टैक्स-फ्री होगा जब एक फाइनेंशियल ईयर में ऐसे सभी गिफ्टों की टोटल मार्केट वैल्यू 50,000 रुपये से ज्यादा न हो. अगर वैल्यू 50,000 रुपये की सीमा को पार कर जाती है, तो पूरे अमाउंट पर 'दूसरे सोर्स से आय' के तहत टैक्स देना होगा.
शादी के अवसर पर मिली छूट
हां, किसी व्यक्ति की शादी के अवसर पर मिले सभी गिफ्ट (सोने सहित) पूरी तरह से टैक्स फ्री होते हैं, भले ही उनकी कीमत कितनी भी हो या वे किसने दिए हों.
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