
- नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 15 अगस्त 2025 को फास्टैग एनुअल पास की सुविधा देशभर में शुरू की थी
- एनुअल पास की वजह से टोल प्लाजा की कलेक्शन में कमी आई है, जिसके लिए मुआवजा दिया जाएगा
- टोल ऑपरेटरों को 15 अगस्त के बाद हुए नुकसान के लिए तीन महीने तक मुआवजा मिलेगा
FASTag Annual Pass: 15 अगस्त 2025 के दिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फास्टैग एनुअल पास की सुविधा शुरू की थी. इस सुविधा के शुरू होने के बाद यात्रियों की तरफ से इसे पसंद किया जा रहा है. हालांकि इस पास से जहां एक तरफ यात्रियों को तो फायदा हो रहा है पर टोल बूथ के लिए कलेक्शन कम हो गया. ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाईवे टोल ऑपरेटरों को एक खुशखबरी दी है.
दरअसल NHAI ने कहा कि, हाईवे टोल ऑपरेटरों को एनुअल पास की वजह से नुकसान की भरपाई के लिए 3 महीने तक मुआवजा मिलेगा. NHAI ने साफ कहा है कि ये मुआवजा 15 अगस्त के बाद हुए नुकसान पर ही मिलेगा.
मुआवजे की कैलकुलेशन कैसे होगी?
दरअसल NHAI ने इसके लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि यूजर फी कलेक्शन एजेंसियों के लिए एक समान नियम बनाए गए हैं. कार, वैन और जीप जैसी गाड़ियां एनुअल पास के साथ जब भी टोल से निकलेंगी, उस ट्रांजैक्शन डेटा के हिसाब से कलेक्शन एजेंसियों के लिए मुआवजा तय होगा.
नई कलेक्शन एजेंसी के लिए बदलेगा सिस्टम
वहीं NHAI ने ये भी साफ किया कि ये मुआवजा अभी 3 महीने के लिए ही टोल बूथ को मिलेगा. 3 महीने बाद जब पूरा एनुअल पास का डेटा मिल जाएगा, तब नए टेंडर जारी करने वालों को उस डेटा के बारे में बताया जाएगा. साथ ही इस 3 महीने की जानकारी के हिसाब से ही बोली लगाई जाएगी. 3 महीने के बाद किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया जाएगा.
बता दें कि 15 अगस्त 2025 को सरकार की तरफ से फास्टैग में एनुअल पेमेंट की शुरूआत की गई थी. देश के करीब 1,150 टोल प्लाजा पर ये सुविधा काम कर रही है. यानी यात्री 3000 रुपये देकर सालाना 200 बार टोल को पार कर सकते हैं. अच्छी बात ये है कि ये सुविधा मौजूदा फास्ट टैग में सिर्फ 3 घंटे में ही शुरू हो जाती है.
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