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GST बिल असली है या फर्जी कैसे पहचानें? जानें कौन दुकानदार आपसे वसूल सकता है टैक्स और कहां करें शिकायत

कई बार दुकानदार VAT या TIN नंबर दिखाकर भी GST वसूलने लगते हैं. यह पूरी तरह फेक बिल होता है. फेक बिल की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है GSTIN चेक करना क्योंकि असली GST बिल में हमेशा GSTIN लिखा होगा.

GST बिल असली है या फर्जी कैसे पहचानें? जानें कौन दुकानदार आपसे वसूल सकता है टैक्स और कहां करें शिकायत
बता दें कि हर दुकानदार आपसे GST वसूल नहीं सकता. सिर्फ वही दुकानदार GST ले सकता है जो सरकार के पास रजिस्टर्ड हो और जिसके पास GSTIN हो.
नई दिल्ली:

क्या आपने कभी सोचा है कि दुकानदार से सामान खरीदते वक्त आपके बिल में जो GST लगाया जाता है, वह वाकई असली है या फिर नकली? ज्यादातर कस्टमर इस बारे में कन्फ्यूज रहते हैं और यही कन्फ्यूजन कई दुकानदार फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. हर दुकानदार को आपसे GST वसूलने का हक नहीं है. कई बार ऐसा होता है कि दुकानदार का GST रजिस्ट्रेशन ही नहीं होता, फिर भी वे बिल पर GST लगाकर पैसे ले लेते हैं. ज्यादातर कस्टमर को इस बारे में जानकारी नहीं होती और इसी वजह से वे आसानी से ठगे जाते हैं. 

लेकिन यहां हम आपको इस बारे में हर जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं जिससे  कुछ मिनट में आप खुद आसानी से पहचान सकते हैं कि आपसे लिया जा रहा GST सही है या नहीं.

GST क्या है? कब और क्यों किया गया लागू

GST यानी Goods and Services Tax, जिसे 2017 में लागू किया गया था. इससे पहले एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, वैट और सर्विस टैक्स जैसे कई अलग-अलग टैक्स लगते थे. इसके आने से एक्साइज ड्यूटी, वैट, सर्विस टैक्स जैसे कई टैक्स खत्म हो गए. GST आने के बाद पूरा टैक्स सिस्टम एक जैसा हो गया. अब पूरे देश में किसी भी चीज पर टैक्स की दर एक जैसी होती है. GST लागू करने का मकसद  टैक्स सिस्टम को आसान बनाना और टैक्स चोरी पर रोक लगाना था.

कौन दुकानदार GST वसूल सकता है?

बता दें कि हर दुकानदार आपसे GST वसूल नहीं सकता. सिर्फ वही दुकानदार GST ले सकता है जो सरकार के पास रजिस्टर्ड हो और जिसके पास GSTIN यानी Goods and Services Tax Identification Number हो. यह 15 डिजिट का यूनिक नंबर होता है जो  हर असली GST बिल पर साफ-साफ लिखा होता है. अगर आपके बिल पर GSTIN नहीं दिख रहा है तो दुकानदार आपसे GST वसूलने का हकदार नहीं है.

छोटे कारोबारियों को GST रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं

सरकार ने छोटे कारोबारियों को छूट दी है. जिनका टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम है (नॉर्थ ईस्ट राज्यों में 10 लाख रुपये) उन्हें GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है. ऐसे दुकानदार आपसे GST नहीं ले सकते.यानी ऐसे दुकानदार अगर GST वसूलते हैं तो यह गलत है.

फर्जी GST बिल कैसे पहचानें?

फेक बिल की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है GSTIN चेक करना.इस नंबर के पहले दो अंक स्टेट कोड होते हैं और बाकी नंबरों से दुकानदार की डिटेल्स पता चलती हैं. अगर बिल पर आपको GSTIN की जगह VAT, TIN या CST लिखा दिखे तो समझ लीजिए यह फर्जी GST है.

कई बार दुकानदार VAT या TIN नंबर दिखाकर भी GST वसूलने लगते हैं. यह पूरी तरह फेक बिल होता है. असली GST बिल में हमेशा GSTIN लिखा होगा. आप इस नंबर को www.gst.gov.in पर जाकर तुरंत चेक कर सकते हैं. अगर डिटेल्स नहीं आती हैं तो नंबर फर्जी है.

कैसे करें चेक कि GST सही है या नहीं?

अगर आपको शक हो कि आपके बिल में गलत टैक्स लिया गया है, तो आप cbec-gst.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं. यहां आपको ‘GST Rates' का ऑप्शन मिलेगा, जहां आप किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस पर लगने वाला सही टैक्स देख सकते हैं. साथ ही, GST का 15 डिजिट नंबर भी आप www.gst.gov.in वेबसाइट पर डालकर चेक कर सकते हैं. अगर नंबर असली होगा तो डिटेल्स आ जाएंगी, वरना समझ जाइए कि नंबर फेक है.

कहां करें शिकायत

अगर आपको लगता है कि आपसे ज्यादा या फर्जी GST वसूला गया है, तो इसकी शिकायत भी आसानी से की जा सकती है. आप helpdesk@gst.gov.in या cbecmitra.heldesk@icegate.gov.in पर ईमेल भेजकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा GST पोर्टल पर भी शिकायत करने का ऑप्शन मौजूद है.

इस तरह अगली बार जब भी आप शॉपिंग करें, बिल चुकाने से पहले जरूर चेक करें कि बिल में GSTIN नंबर लिखा है या नहीं. इससे आप फर्जी GST बिल और टैक्स फ्रॉड से आसानी से बच सकते हैं.

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