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EPF में हर महीने 5,000 डालकर बन सकता है 3.5 करोड़ का रिटायरमेंट फंड, समझें पूरा कैलकुलेशन

Retirement Planning: अगर आप शुरुआत से ही EPF में लगातार योगदान करते रहें, तो रिटायरमेंट के वक्त आरामदायक जिंदगी के लिए मजबूत फंड तैयार कर सकते हैं. अगर कोई कर्मचारी 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 58 साल तक लगातार EPF में योगदान करता है, तो उसका अकाउंट रिटायरमेंट पर सोने की खान बन सकता है.

EPF में हर महीने 5,000 डालकर बन सकता है 3.5 करोड़ का रिटायरमेंट फंड, समझें पूरा कैलकुलेशन
EPF (Employees Provident Fund) एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम (Retirement Savings Scheme) है जिसे EPFO मैनेज करता है. इ
नई दिल्ली:


रिटायरमेंट की प्लानिंग (Retirement Planning)करने वालों के लिए EPF यानी एंप्लॉयर प्रोविडेंट फंड सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प माना जाता है. अगर कोई कर्मचारी सिर्फ 5,000 रुपये महीने की रकम EPF में डालता है, तो ये धीरे-धीरे बढ़कर रिटायरमेंट तक करीब 3.5 करोड़ रुपये का फंड बनकर तैयार हो सकता है. इसमें सरकार की गारंटी तो मिलती ही है, साथ ही पेंशन का फायदा भी जुड़ता है.

 अगर आप भी रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं तो यहां जान लें कि कैसे आप सिर्फ 5,000 रुपये  से करीब 3.5 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं...

EPF क्या है?

EPF (Employees Provident Fund) एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जिसे EPFO मैनेज करता है. इसमें कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% जमा करता है. नियोक्ता यानी एम्प्लॉयर भी उतनी ही रकम डालते हैं, लेकिन इसमें से 8.33% EPS (Employees' Pension Scheme) में चला जाता है और 3.67% EPF अकाउंट में आता है. EPS से भविष्य में पेंशन का लाभ मिलता है.

कितना योगदान होता है?

मान लीजिए किसी की सैलरी 64,000 रुपये महीने है. इसमें बेसिक सैलरी 31,900 रुपये है, HRA 15,950 रुपये और बाकी अलाउंसेज 16,150 रुपये हैं. अब बेसिक पर 12% यानी 3,828 रुपये कर्मचारी का EPF में जाता है. एम्प्लॉयर का 3.67% यानी 1,172 रुपये भी EPF में जुड़ता है. यानी हर महीने कुल 5,000 रुपये EPF अकाउंट में जमा हो रहे हैं.

लंबी अवधि का फायदा

अगर कोई कर्मचारी 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 58 साल तक लगातार EPF में योगदान करता है, तो उसका अकाउंट रिटायरमेंट पर सोने की खान बन सकता है. इसमें हर साल कम से कम 10% सैलरी ग्रोथ मानकर चलें तो EPF में डाली जाने वाली रकम भी हर साल बढ़ती जाती है. इस पर सरकार फिलहाल 8.25% सालाना ब्याज देती है.

नतीजा यह कि 33 साल बाद यानी रिटायरमेंट के वक्त उसके पास लगभग 3.5 करोड़ रुपये का फंड तैयार होगा. इसमें उसकी कुल जमा रकम करीब 1.33 करोड़ होगी और बाकी ब्याज से बनेगा.

EPS का फायदा

एम्प्लॉयर का 8.33% EPS में जाता है जिससे पेंशन का हक बनता है. फिलहाल EPS में न्यूनतम 1,000 रुपये महीने की पेंशन तय है. असल पेंशन आपके पेंशन योग्य वेतन और सर्विस पीरियड पर निर्भर करेगी.

क्यों है EPF सुरक्षित?

  • यह पूरी तरह से सरकार द्वारा गारंटीड है.
  • इसमें मार्केट का उतार-चढ़ाव असर नहीं डालता.
  • ब्याज दर बदल सकती है लेकिन रकम सुरक्षित रहती है.
  • साथ ही पेंशन और इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है.

यानी अगर आप शुरुआत से ही EPF में लगातार योगदान करते रहें, तो रिटायरमेंट के वक्त आरामदायक जिंदगी के लिए मजबूत फंड तैयार कर सकते हैं. सिर्फ 5,000 रुपये महीने से शुरू होकर ये रकम करोड़ों तक पहुंच सकती है और पेंशन भी मिलेगी.

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