
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख बीत चुकी है, लेकिन कई लोगों के मन में अब ये सवाल है कि अगर उन्होंने देर से रिटर्न फाइल किया है, तो क्या उन्हें टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) पर ब्याज मिलेगा या नहीं? अगर रिटर्न FY 2024–25 के लिए ITR 16 सितंबर तक फाइल कर दिया था, तो रिफंड पर ब्याज 1 अप्रैल से गिना जाएगा, जब तक कि TDS रिफंड का पैसा अकाउंट में नहीं आ जाता. लेकिन अगर देर से यानी डेडलाइन के बाद रिटर्न फाइल किया है, तो नियम थोड़ा अलग है.
ऐसे मामलों में ब्याज मिलेगा, लेकिन 1 अप्रैल से नहीं. ब्याज का कैलकुलेशन रिटर्न फाइल करने की तारीख से शुरू होगी और तब तक चलेगी जब तक रिफंड की रकम आपके अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हो जाती.
टैक्स रिफंड पर ब्याज का नियम
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 244A के तहत अगर रिफंड में देरी होती है तो विभाग को ब्याज देना होता है. यह ब्याज टैक्सपेयर के उस पैसे पर मिलता है जो तय समय सीमा के बाद भी विभाग के पास पड़ा रहता है. ब्याज की दर 0.5% प्रति माह या महीने के हिस्से पर होती है.
ये ब्याज रिफंड की पूरी रकम पर मिलता है, जिसमें TDS, एडवांस टैक्स या सेल्फ-असेसमेंट टैक्स जैसी रकम भी शामिल होती है. लेकिन अगर देरी आपकी गलती से हुई हो, जैसे रिटर्न में गलत जानकारी देना या जरूरी डॉक्युमेंट न लगाना, तो ब्याज नहीं मिलेगा. जबकि अगर देरी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से हुई हो, तो टैक्सपेयर को ब्याज मिलना तय है.
रिफंड का स्टेटस चैक करें
अगर रिफंड में देर हो रही है तो टैक्सपेयर को चाहिए कि वो ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर स्टेटस चेक करें और जरूरत पड़े तो सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर या अस्सेसिंग ऑफिसर से संपर्क करें. सभी पेमेंट प्रूफ और डॉक्यूमेंट संभालकर रखना भी जरूरी है ताकि ब्याज का हक सुरक्षित रहे.
कुल मिलाकर, सेक्शन 244A यह सुनिश्चित करता है कि टैक्सपेयर को सरकार की देरी का नुकसान न उठाना पड़े. इसलिए चाहे रिफंड देर से मिले, लेकिन अगर आपने सब कुछ सही तरीके से किया है, तो ब्याज आपको जरूर मिलेगा.
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