
पीएम मोदी ने 15 अगस्त के दिन दिवाली गिफ्ट देने की बात कही थी, जिसके बाद जीएसटी दरों में बड़ी कटौती का ऐलान हो गया. साथ ही 12% और 18% के दो स्लैब खत्म कर दिए गए. मतलब ये कि रोजमर्रा की कई चीजों पर अब कम टैक्स लगेगा. इसके अलावा पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी बिल्कुल खत्म कर दिया गया. किसानों के लिए भी राहत है, क्योंकि ट्रैक्टर और उनके टायर पर अब सिर्फ 5% ही जीएसटी लागू होगा. आज हम इस खबर में उन 4 बड़ी बातों के बारे में जानकारी देंगे, जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे.
नए रेट्स लागू होने पर ट्रांजिट में सामान के लिए नया ई-वे बिल बनाना होगा?
नहीं. ट्रांजिट में मौजूद ई-वे बिल अपने ओरिजिनल वैलिडिटी पीरियड तक मान्य होंगे. मान लीजिए किसी दुकानदार का सामान अभी रास्ते में है और उसकी डिलीवरी 22 सिंतबर के बाद होनी है, तो उस सामान पर जीएसटी पेमेंट अभी पुरानी दरों के हिसाब से ही जारी रहेगी.
केवल कुछ ही भारतीय ब्रेड की जीएसटी रेट क्यों कम किए?
आपको बता दें कि सादा ब्रेड पर पहले भी जीएसटी नहीं लगती थी. लेकिन पिज्जा ब्रेड, रोटी, पराठा जैसे प्रोडक्ट्स पर अलग-अलग दरें थीं. अब सभी भारतीय ब्रेड को एक समान करने का फैसला जीएसटी काउंसिल ने किया है.
फ्रूट ड्रिंक या फ्रूट जूस के साथ कार्बोनेटेड ड्रिंक पर जीएसटी रेट क्यों बढ़ाया?
पहले फ्रूट जूस के साथ कार्बोनेटेड ड्रिंक पर जीएसटी के साथ कंपनसेशन सेस लगता था. अब इस सेस को हटाने का फैसला काउंसिल ने किया. लेकिन टोटल टैक्स में कोई कमी ना आए, उसके लिए जीएसटी रेट को बढ़ा दिया गया.
आईपीएल को छोड़ बाकी लीग के एडमिशन के लिए जीएसटी रेट क्या होगा?
मान्यता प्राप्त लीगों की टिकट अगर 500 रुपये से कम है तो इस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. अगर टिकट के रेट्स 500 रुपये से ज्यादा हैं तो इस पर 28% की दर से जीएसटी लगेगा.
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