बिहार(Bihar) अब सिर्फ राजनीति और भोजपुरी सिनेमा के लिए ही नहीं बल्कि शिक्षा के लिए भी चर्चा में रहता है. सिविल सर्विसेज की परीक्षा में अक्सर बिहार के छात्र सफल होते हैं. इसके अलावा खाने के मामले में भी बिहार पीछे नहीं है. यहां का लिट्टी-चोखा पूरी दुनिया में फेमस है. लेकिन, बिहार में इन सबके के अलावा और भी बहुत कुछ ऐसा है, जो खास है. बिहार में कई ऐसी खास जगह हैं, जहां लोग घूमने जाते हैं. अगर आप भी बिहार जाने का मन बना रहे हैं, तो इस शहर की इन खास जगहों पर भी जरूर जाइएगा. हम आपको बताने जा रहे हैं, बिहार की उन्हीं 5 खास जगहों (best places of bihar) के बारे में, जहां आपको बिहार का एक नया ही रूप देखने को मिलेगा...
बोध गया और महाबोधि मंदिर
इतिहास नमें आपने बौद्ध संस्कृति के बारे में जरूर पढ़ा होगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार के बोध गांव से ही बौद्ध संस्कृति का जन्म हुआ था और यहां का बोधगया तीर्थ स्थान इस बात का सबूत है. यहां मौजूद बोधि पेड़ के नीचे बैठकर ही भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसी वजह से यह जगह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage) शामिल है. बोधगया(Bodhgaya) में कई बौद्ध मठ और मंदिर बने हुए हैं, जहां की खूबसूरती अपने आप में ही शानदार है. यहां ही महाबोधि(Mahabodhi) विहार या महाबोधि मन्दिर, प्रसिद्ध बौद्ध विहार मौजूद है. यह विहार उसी स्थान पर खड़ा है जहां गौतम बुद्ध ने ईसा पूर्व 6वी शताब्धिं में ज्ञान प्राप्त किया था.
नालंदा यूनिवर्सिटी
यह बिहार की सबसे पॉप्युलर यूनिवर्सिटी है, यहां सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया और तुर्की से भी विद्यार्थी बौद्ध धर्म को पढ़ने आते हैं. इसके पीछे वजह है यहां मौजूद बौद्ध-धर्म से जुड़े अवशेष. यह दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है. 12वीं शताब्दी के बाद इस खूबसूरत स्थान के साथ तोड़-फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया. इस स्थान के खंडहर हो जाने के बावजूद साल 2016 में इस स्थान को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO World Heritage) शामिल किया गया.
सासाराम
बिहार के इस स्थान पर मौजूद है सूर वंश के संस्थापक अफगान शासक शेरशाह सूरी की समाधि. यहां ही राजा शेर शाह सूरी का जन्म हुआ था. इसी के बाद वह दिल्ली पर शासन करने निकले थे, दिल्ली जाने से पहले बिहार का यही स्थान उनकी शक्ति का केंद्र हुआ करता था. इसी के साथ यहां कई सूफी संतों का बसेरा भी था. यह शानदार जगह झील के बिल्कुल बीचों-बीच मौजूद है. इसके आस-पास आपको कई मुस्लिम शासकों से जुड़े मकबरे मिल जाएंगे.
सोनपुर मेला
बिहार के सोनपुर इलाके में यह मेला हर साल नवंबर-दिसंबर (कार्तिक पूर्णिमा) में लगता है. यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं. यहां हाथ, घोड़े, बैल, गाय, भैंस जैसे तमाम जानवरों को खरीदने और बेचने के अलावा तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं. इसके अलावा इसी मेले कारों को कुएं में दौड़ाने वाला जानलेवा खेल भी खेला जाता है. इस मेले की तस्वीरें आपने कई बार देखी होंगी. इनके अलावा सोनपुर मेले में नौका दौड़ाना, दंगल, वाटर सर्फिंग और पानी से कई और खेल खेले जाते हैं.
राजगीर
भगवान गौतम बुद्ध ने ही कई साल इसी स्थान पर ज्ञान की प्राप्ति की थी. सिर्फ बौद्ध ही नहीं यह स्थान हिंदु और जैन धर्मों से जुड़े लोगों के बीच भी बहुत प्रसिद्ध है. इन सबके अलावा राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था, जिसके बाद मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ. यहां वेणुवन, गृद्धकूट पर्वत, लाल मन्दिर, वीरशासन धाम तीर्थ, दिगम्बर जैन मन्दिर, गर्म जल के झरने और विपुलाचल पर्वत काफी प्रसिद्ध हैं.
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