Blogs | सुशील कुमार महापात्र |बुधवार मार्च 18, 2020 08:58 AM IST सितंबर 2012 की बात है, बीजेपी के लीगल सेल ने एक सेमिनार का आयोजन किया था जिस में अरुण जेटली ने कहा था कि "रिटायरमेंट के पहले के फैसले, रिटायरमेंट के बाद किसी भी पद की प्रति इच्छा से प्रभावित होते हैं, रिटायरमेंट के बाद जॉब के प्रति मांग न्यायपालिका के निपक्षता पे असर डालता है" उस समय जेटली राज्य सभा में विपक्ष के नेता थे और ऐसे भी जेटली जानेमाने वकील भी थे. इस सेमिनार में जेटली ने कहा था कि किसी भी जज को ट्रिब्यूनल और कमीशन में कोई भी पोस्ट पर अपॉइंट करने से पहले दो साल का कूलिंग पीरियड जरूरी है. जेटली की बातों को समर्थन करते हुए उस समय के बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी जो वहां मौजूद थे, ने जेटली का साथ देते हुए कहा था कि दो साल का कूलिंग पीरियड होना चाहिए.